दिल्ली. शिव यानि कल्याणकारी, शिव यानि बाबा भोलेनाथ, शिव यानि शिवशंकर, शिवशम्भू, शिवजी, नीलकंठ, रूद्र आदि. हिंदू देवी-देवताओं में भगवान शिव शंकर सबसे लोकप्रिय देवता हैं, वे देवों के देव महादेव हैं तो असुरों के राजा भी उनके उपासक रहे. इनकी लोकप्रियता का कारण है इनकी सरलता. इनकी पूजा आराधना की विधि बहुत सरल मानी जाती है. माना जाता है कि शिव को यदि सच्चे मन से याद कर लिया जाये तो शिव प्रसन्न हो जाते हैं. उनकी पूजा में भी ज्यादा ताम-झाम की जरूरत नहीं होती. ये केवल जलाभिषेक, बिल्वपत्रों को चढ़ाने और रात्रि भर इनका जागरण करने मात्र से मेहरबान हो जाते हैं.
वैसे तो हर सप्ताह सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना का दिन माना जाता है. हर महीने में मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है लेकिन साल में शिवरात्रि का मुख्य पर्व जिसे व्यापक रुप से देश भर में मनाया जाता है दो बार आता है. एक फाल्गुन के महीने में तो दूसरा श्रावण मास में. फाल्गुन के महीने की शिवरात्रि को तो महाशिवरात्रि कहा जाता है. इसे फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है. महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालु कावड़ के जरिये गंगाजल भी लेकर आते हैं जिससे भगवान शिव को स्नान करवाया जाता हैं.
महाशिवरात्रि करीब 117 साल बाद शनि और शुक्र का दुर्लभ योग
महाशिवरात्रि के दिन कई तरह के शुभ संयोग बन रहे हैं. करीब 117 साल बाद शनि और शुक्र का दुर्लभ योग बनने जा रहा है. महाशिवरात्रि पर शनि अपनी स्वयं की राशि मकर में तो शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में मौजूद रहेंगे. इससे पहले साल 1903 में ऐसा संयोग बना था. इसके अलावा शनि और चंद्रमा मिलकर शश योग बना रहे हैं. इस संयोग में शिव की पूजा अर्चना करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. महाशिवरात्रि पर सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है. महाशिवरात्रि कई मायनों में खास रहने वाली है. क्योंकि इस दिन 59 साल बाद विशेष संयोग बन रहा है. यह योग है शश योग. इस दिन चंद्र शनि की मकर राशि में युति हो रही है. चूंकि चंद्रमा मन तथा शनि ऊर्जा का कारक ग्रह है इसलिए इस योग के बनने से साधना सिद्धि के लिए ये दिन खास रहेगा. इस शिवरात्रि शनि अपनी राशि मकर में मौजूद रहेंगे और शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे. बताया जा रहा है कि ये स्थिति 1903 में बनी थी. इस योग के कारण भगवान शिव की अराधना करने से शनि, गुरु और शुक्र ग्रह मजबूत होंगे.
राशि अनुसार कुछ ऐसे करें शिव पूजन
साल में आने वाली सभी 12 शिवरात्रि शिव भक्तों के लिए खास होती है लेकिन इस महाशिवरात्रि का सबसे अधिक महत्व माना गया है जो साल में एक ही बार आती है. मान्यता है कि इस फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आधी रात में भगवान शिव लिंग रूप में प्रकट हुए थे. जिस कारण इस दिन को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. जानिए इस दिन शिवजी को प्रसन्न करने के लिए राशि अनुसार क्या उपाय करें…
मेष राशि के जातक ऐसे करें पूजन
द्वादश ज्योर्तिलिंगों में सोमनाथ ज्योर्तिलिंग पहला ज्योर्तिलिंग है. जिनका जन्म मेष राशि में हुआ है उन्हें महाशिवरात्रि के दिन सोमनाथ ज्योर्तिलिंग की पूजा करनी चाहिए. मेष राशि के लोगों तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें थोड़ा-सा गुड़ मिलाकर शिवजी का अभिषेक करना चाहिए. साथ ही भगवान शिव को लाल फूल अर्पित करने चाहिए. शिव की पूजा के बाद ‘ह्रीं ॐ नमः शिवाय ह्रीं’. शिवलिंग पर कच्चा दूध और दही जरूर चढ़ाएं. मेष राशि वाले लोग शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर पूजा करते समय लाल चंदन से शं लिखें और फिर उसी लाल चंदन से 108 बेलपत्र पर ऊं शं लिखें , शंकराय नम: का जाप करते हुए इन बेलपत्रों को शिवलिंग पर अर्पित करें और जल में कच्चा दूध और लाल चंदन मिला कर शिव का अभिषेक करें. अभिषेक के बाद इस मंत्र ऊं शम्भवे नम: मंत्र की तीन माला का जाप करें.
वृष राशि के जातक ऐसे करें पूजन
शैल पर्वत पर स्थित मल्लिकार्जुन वृष राशि के स्वामी हैं. इस राशि के व्यक्तियों को मल्लिकार्जुन का दर्शन करना चाहिए. वृष राशि वाले मंत्र ॐ गंगाधराये नमः का जाप करें. जो लोग मल्लिकार्जुन का दर्शन करने नहीं जा सकते उनके लिए शिव की कृपा पाने का सबसे आसान तरीका है महाशिवरात्रि के दिन किसी भी शिवलिंग की पूजा गंगाजल से करें. शिवलिंग पर आक का फूल और पत्ता चढ़ाएं. वृषभ राशि के जातक-जातिकाओं को अपने कार्य में सफलता के लिए शिवलिंग पर सफेद चंदन से ऊं लिखें, तत्पश्चात बेलपत्र पर भी ऊं लिखें. जल से हर-हर महादेव का जाप करते हुए जलाभिषेक करें. पुन: सफेद चंदन से भगवान शिव के त्रिपुण्ड बनाएं और हरसिंगार का इत्र लगायें. इस प्रकार का अभिषेक करने से आपकी जीवन की सारी समस्याओं का निवारण होगा. व्यापार वृद्धि होगी. स्वास्थ्य अनुकूल रहेगा और परिवार में सुख-शांति रहेगी. अभिषेक के बाद इस ऊं शशिशेखराय नम:. मंत्र की दो माला का जाप करें.
मिथुन राशि के जातक ऐसे करें पूजन
मिथुन राशि में जन्मे लोगों को भगवान भोलेनाथ की पूजा तीन बिल्व पत्रों से करनी चाहिए. आप शिवलिंग का अभिषेक गन्ने के रस से कर सकते हैं. इससे आपको विशेष लाभ होगा. उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मिथुन राशि के स्वामी हैं. महाकालेश्वर कालों के भी काल हैं. इनकी पूजा करने वाले को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है. इस राशि में जन्म लेने वाले व्यक्ति को महाकालेश्वर का दर्शन करना चाहिए. महाकालेश्वर का दर्शन नहीं कर पाएं वे महाकालेश्वर का ध्यान करते हुए किसी शिवलिंग को दूध में शहद मिलाकर स्नान कराएं और बिल्वपत्र एवं शमी के पत्ते चढ़ाएं. महाशिवरात्रि में शिवलिंग पर शहद में केसर घोल कर शिवलिंग पर तिलक करें और ऊं शूलपाणये नम: मंत्र का जाप करते हुए शहद से अभिषेक करें. आर्थिक समस्याओं का निवारण हो जाएगा. शहद से स्नान कराते समय ऊं नम: शिवाय करालं महाकाल कालं कृपालं ऊं नम: इस मंत्र का भी जाप करें तो और अधिक अनुकूलता प्राप्त होगी. परिवार, व्यापार और स्वास्थ्य में लाभ होगा.अभिषेक के बाद इस ऊं विष्णु वल्लभाय नम: मंत्र की पांच माला का जाप करें.
कर्क राशि के जातक ऐसे करें पूजन
कर्क राशि में जन्मे लोगों को घी से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए. आप अगर कच्चा दूध शिवजी पर अर्पित करेंगे तो आपको आपकी इच्छापूर्ति में सहायता मिलेगी. सफेद चंदन से शिवजी का तिलक करें. ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग का संबंध कर्क राशि से है. इस राशि वाले महाशिवरात्रि के दिन शिव के इसी रूप की पूजा करें. ओंकारेश्वर का ध्यान करते हुए शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराएं. अपामार्ग और विल्वपत्र चढ़ाएं. इस मंत्र का 108 बार जप करें. कर्क राशि का स्वामी चंद्र है. चंद्रमा भगवान शिवजी के मस्तिष्क पर शोभित है और उनका प्रिय अलंकार भी है. कर्क राशि वालों को जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या में आएं तो उन्हें समस्या से मुक्ति पाने के लिये महाशिवरात्रि में शिवलिंग को जल में दूध, दही, गंगाजल व मिश्री मिलाकर ऊं चंद्रमौलीश्वर नम: इस मंत्र का जाप करते हुए अभिषेक करना चाहिए. ऐसा करने से उनके पास कभी भी समस्या नहीं आएगी. अभिषेक के बाद इस ऊं विरूपाक्षाय नम:. मंत्र की तीन माला का जाप करें.
सिंह राशि के जातक ऐसे करें पूजन
इस राशि के व्यक्ति वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा करें. महाशिवरात्रि के अवसर पर वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की विशेष पूजा होती है जिसमें शिव पार्वती का विवाह होता है. महाशिवरात्रि के दिन सिंह राशि वाले वैद्यनाथ ज्योर्तिलिंग का दर्शन करें तो पूरे वर्ष सेहत अच्छी रहती है. सिंह राशि में जन्मे लोगों को भगवान शिव का अभिषेक गुड़ मिश्रित जल से करना चाहिए. आप भगवान शिव को गेहूं अर्पित करेंगे तो आपको विशेष लाभ होगा. इस राशि का राशि अधिपति सूर्य है. जो कि अपूर्व तेज प्रभाव का मालिक है. यही कारण है कि सिंह राशि वाले लोग हमेशा नेतृत्व में आगे रहते हैं. यदि सिंह राशि के लोग कारोबार, परिवार, राजनीति या स्वास्थ्य को लेकर परेशान हैं तो उन्हें महाशिवरात्रि में शिवलिंग को शुद्ध घी से ऊं महेश्वराय नम:मंत्र का जाप करते हुए अभिषेक करना चाहिए. अभिषेक के बाद इस ऊं जटाधराय नम:. मंत्र की पांच माला का जाप करें.
कन्या राशि के जातक ऐसे करें पूजन
कन्या राशि में जन्मे लोगों को भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए गन्ने के रस से अभिषेक करना चाहिए. शिवलिंग पर बेलपत्र और भांग के पत्ते चढ़ाने चाहिए. महाराष्ट्र में भीमा नदी के किनारे बसा भीमाशंकर ज्योर्तिलिंग कन्या राशि का ज्योर्तिलिंग हैं. इस राशि वाले भीमाशंकर को प्रसन्न करने के लिए दूध में घी मिलाकर शिवलिंग को स्नान कराएं. इसके बाद पीला कनेर और शमी के पत्ते चढाएं. ॐ भगवते रूद्राय’ मंत्र का यथासंभव जप करें. इस प्रकार शिव की पूजा करने से आत्मविश्वास बढ़ता है. कन्या राशि राशि वाले लोग महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर दूध, घी और शहद से पाशुपत स्तोत्र या ऊं कालकालाय नम: मंत्र का जाप करते हुए अभिषेक करें तो उत्तम फलों की प्राप्ति होगी. यदि यह पूजा प्रत्येक सोमवार को जारी रखें तो जीवन में कभी भी समस्या नहीं आएगी. अभिषेक के उपरांत इस मंत्र की पांच माला जाप करें.अभिषेक के बाद इस ऊं गंगाधराय नम:. मंत्र की दो माला का जाप करें.
तुला राशि के जातक ऐसे करें पूजन
तुला राशि के लोगों को भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए शिवरात्रि पर इत्र, फूलों से सुगंधित जल या तेल से शिव का अभिषेक करना चाहिे. साथ ही शहद अर्पित करने से लाभ होगा. तमिलनाडु स्थित भगवान राम द्वारा स्थापित रामेश्वर ज्योर्तिलिंग का संबंध तुला राशि से है. भगवन राम ने सीता की तलाश में समुद्र पर सेतु निर्माण के लिए इस ज्योर्तिलिंग की स्थापना की थी. जो लोग इस दिन रामेश्वर ज्योर्तिलिंग का दर्शन नहीं कर सकें वह दूध में बताशा मिलाकर शिवलिंग को स्नान कराएं और आक का फूल शिव को अर्पित करें. तुला राशि वाले लोगों को पंचाक्षरी मंत्र या ऊं भीमाय नम: मंत्र का जाप करते हुए दही और गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए. इससे उनके जीवन की संपूर्ण कारोबारी समस्याओं का निवारण होगा. अभिषेक के उपरांत इस ऊं विश्वेश्वराय नम: मंत्र की दो माला जाप करें.
वृश्चिक राशि के जातक ऐसे करें पूजन
गुजरात के द्वारका जिले में नागेश्वर ज्योतिर्लिंग है जिसका संबंध वृश्चिक राशि से है. इस राशि वालों को गले में नागों की माला धारण करने वाले नागों के देव नागेश्वर ज्योर्तिलिंग की पूजा करनी चाहिए. महाशिवरात्रि के दिन इनका दर्शन करने से दुर्घटनाओं से बचाव होता है. वृश्चिक राशिवालों को पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए. ऐसा करने से आप पर भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो सकते हैं. जो लोग इस दिन नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन न कर सकें वह दूध और धान के लावा से शिव की पूजा करें. शिव को गेंदे का फूल, शमी एवं बेलपत्र चढाएं. वृश्चिक राशि वाले लोग महाशिवरात्रि के दिन जल में दूध एवं शहद मिलाकर शिव गायत्री का जाप करते हुए अभिषेक करना चाहिए. अभिषेक के बाद लाल चंदन से तिलक करें और लाल चंदन से 108 बेलपत्र पर ऊं नम: शिवाय लिख कर बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित करें.अभिषेक के बाद इस ऊं वीरभद्राय नम: मंत्र की एक माला का जाप करें.
धनु राशि के जातक ऐसे करें पूजन
धनु राशि के लोगों को भगवान शिव का अभिषेक केसर या हल्दी युक्त दूध से करना चाहिए. साथ ही शिवलिंग पर बेल पत्र और पीले फूल अर्पित करें. विश्वनाथ ज्योर्तिलिंग का संबंध धनु राशि से है. इस राशि वाले व्यक्ति महाशिवरात्रि के दिन गंगाजल में केसर मिलाकर शिव को अर्पित करें. विल्वपत्र एवं पीला अथवा लाल कनेर शिवलिंग पर चढ़ाएं. महाशिवरात्रि के दिन चन्द्रमा कमजोर रहता है. इस राशि वाले ॐ तत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि. तन्नो रूद्रः प्रचोदयात.. इस मंत्र से शिव की पूजा करें. इससे चन्द्रमा को बल मिलता है और शिव कृपा भी प्राप्त होती है. धनु राशि वाले लोगों को महा शिव रात्रि के दिन शिवलिंग पर कच्चे दूध में केशर, गुड़ व हल्दी मिलाकर ऊं नम: शिवाय ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम: ऊं नम: शिवाय. मंत्र का जाप करते हुए अभिषेक करना चाहिए. अभिषेक के बाद केशर व हल्दी से तिलक करें और पीले पुष्प अर्पित करें. इस पूजन से कभी आर्थिक समस्या आड़े नहीं आती. जातक को सदैव संकटों से मुक्ति प्राप्त होती हैं. अभिषेक के बाद इस ऊं प्रज्ञापतये नम:. मंत्र की एक माला का जाप करें.
मकर राशि के जातक ऐसे करें पूजन
मकर राशि के लोगों को काले तिल से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए. इससे आपको भगवान शिव की कृपा प्राप्त होगी. मकर राशि का संबंध त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग से है. यह ज्योतिर्लिंग नासिक में स्थित है. महाशिवरात्रि के दिन इस राशि वाले गंगाजल में गुड़ मिलाकर शिव का जलाभिषेक करें. शिव को नीले का रंग फूल और धतूरा चढ़ाएं. त्रयम्बकेश्वर का ध्यान करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 5 माला जप करें. जो लोग विवाह करना चाह रहे हैं उनकी शादी में आने वाली बाधा दूर होती है और सुन्दर एवं सुयोग्य जीवनसाथी मिलता है. इस राशि वाले लोगों को महाशिवरात्रि के दिन नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजं, छाया मार्तण्ड सम्भूतं तम नमामी शनैश्चरं. मंत्र का जाप करते हुए सरसों के तेल से शिवलिंग पर तैलाभिषेक करना चाहिए. ऐसा करने से जीवन में सारी समस्यों का निवारण होगा. अभिषेक के बाद इस ऊं शितिकण्ठाय नम:. मंत्र की तीन माला का जाप करें.
कुंभ राशि के जातक ऐसे करें पूजन
कुंभ राशि के लोगों को भी मकर राशि के लोगों की तरह ही भगवान शिव पर काले तिल अर्पित करने चाहिए. साथ ही गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करना चाहिए. इससे जीवन कष्ट और संकट दूर होते हैं. केदारनाथ की पूजा करनी चाहिए. अक्षय तृतीया से केदारनाथ की यात्रा आरम्भ होती है इसलिए महाशिवरात्रि पर केदारनाथ का दर्शन नहीं किया जा सकता है. इसलिए कुंभ राशि वाले व्यक्ति महाशिवरात्रि के दिन अपने आस पास के किसी शिवालय में जाकर केदारनाथ का ध्यान करते हुए शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराएं. इसके बाद कमल का फूल और धतूरा चढ़ाएं. राशि वाले लोगों को महाशिवरात्रि में घी, शहद, शक्कर और बादाम के तेल से महामृत्युञ्जय मंत्र का जाप करते हुए अभिषेक करें.उसके बाद पुन: जल स्नान कराने के बाद केसर से तिलक करें और 108 बार ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप करते हुए तेल सरसों के ते से पुन: अभिषेक करना चाहिए.अभिषेक के बाद इस ऊं नीललोहिताय नम:. मंत्र की एक माला का जाप करें.
मीन राशि के जातक ऐसे करें पूजन
मीन राशि के लोगों को भगवान शिव पर और शिवलिंग का अभिषेक करते समय पीले रंग के फूल अर्पित करने चाहिए. साथ ही पीली मिठाई का भोग भगवान शिव को लगाना चाहिए. औरंगाबाद में घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थित है. इस ज्योर्तिलिंग का संबंध मीन राशि से है. इस राशि वाले महाशिवरात्रि के दिन दूध में केसर डालकर शिवलिंग को स्नान कराएं. स्नान के पश्चात शिव को गाय का घी और शहद अर्पित करें. कनेर का पीला फूल और विल्वपत्र शिव को चढ़ाएं. शिवरात्रि के दिन शिव लिंग की पूजा करने से शनि के कुप्रभाव से बचेंगे. मीन राशि वालों को शिवरात्रि पर शिवलिंग को कच्चे दूध में केशर व तीर्थजल मिलाकर स्नान कराना चाहिये. स्नान के बाद केशर व हल्दी से तिलक करें. पीले पुष्प व नागकेशर के साथ केशर के रेशे अर्पित करें. स्नान कराते समय ऊं नमो शिवाय गुरु देवाय नम: ऊं का जाप करना चाहिये.अभिषेक के बाद इस ऊं मृत्युंजाय नम:. मंत्र की दो माला का जाप करें.