देहरादून. मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से बुधवार को विधानसभा में जमरानी पेयजल बहुउद्देशीय परियोजना का क्रियान्वयन करने वाले एडीबी कन्सलटेशन मिशन के सदस्यों ने भेंट की. मिशन के सदस्य आजकल परियोजना स्थल, परियोजना के तकनीकि पहलुओं एवं परियोजना के क्रियान्वयन एवं पुनर्वास से संबंधित विषयों पर अध्ययन हेतु प्रदेश के भ्रमण पर आये हैं.
ऊधमसिंहनगर व नैनीताल जिले को मिलेगा पेयजल
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के लिये सभी वांछित स्वीकृतियां प्राप्त हो चुकी है. 2584 करोड़ लागत की यह परियोजना भाबर क्षेत्र की लाइफलाइन होगी. इसमें ऊधमसिंहनगर व नैनीताल जिले को ग्रेविटी आधारित पेयजल की आपूर्ति हो सकेगी. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एडीबी कन्सलटेशन मिशन के सहयोग से शीघ्र यह परियोजना साकार रूप लेगी.
एडीबी कन्सल्टेशन मिशन के प्रिंसीपल वाटर रिसोर्सेस स्पेस्लिस्ट श्री अर्नाड कॉचोइस ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके दल द्वारा परियोजना स्थल का भ्रमण एवं अधिकारियों से वार्ता करने के साथ ही एडीबी मिशन द्वारा परियोजना के डूब क्षेत्र के एक गांव मुरकुडिया का भ्रमण किया गया तथा परियोजना से प्रभावित कुछ परिवारों से वार्ता की. परियोजना के तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ तथा परियोजना के क्रियान्वयन एवं पुनर्वास के संबंध में जिलाधिकारी, नैनीताल से भी चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि एडीबी मिशन द्वारा गोला बैराज, बांध कार्यस्थल, कैचमेन्ट एरिया का भी भ्रमण किया गया तथा आयुक्त, कुमांऊ तथा जिलाधिकारी, नैनीताल एवं ऊधमसिंहनगर के साथ भी इस सम्बन्ध में विस्तृत विचार विमर्श किया गया.
इस अवसर पर सचिव सिंचाई भूपिन्दर कौर औलख के साथ ही श्री अर्नाड कॉचोइस, प्रिंसीपल वाटर रिसोर्सेस स्पेस्लिस्ट, श्री बारण्डो एंजिल्स, एसोसियेट इनवायरमेंट ऑफिसर, सुश्री मैरी एल. होस्टिस, वाटर रिसोर्स स्पेस्लिस्ट, श्री फ्रांसेस्को रिकियार्डी, इनवायरमेंट स्पेस्लिस्ट, श्री राजेश यादव, सीनियर प्रोजेक्ट ऑफिसर (नेचरल रिसोर्स एण्ड एर्गीकल्चरल) आईएनआरएम, श्री कृष्ण एस रोतेला, ऐसोसियेट प्रोजेक्ट ऑफिसर (इंफ्रास्ट्रक्चर) आईएनआरएम आदि उपस्थित थे.
हल्द्वानी की गोला नदी पर बनेगा 130.60 मी0 ऊंचा बांध
- जमरानी पेयजल बहुउद्देशीय परियोजना के अन्तर्गत हल्द्वानी शहर में गोला नदी पर 130.60 मीटर ऊंचा बांध बनाया जाना है.
- उक्त परियोजना से हल्द्वानी शहरा को 117 एम0एल0डी0 पेयजल सुविधा, उत्तराखण्ड एवं उत्तर प्रदेश राज्यों के 1,50,027 है. क्षेत्रफल में सुनिश्चित सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी तथा 14 मे0वा0 विद्युत उत्पादन होगा.
- उक्त परियोजना हेतु समस्त वांछित स्वीकृतियां प्राप्त हो चुकी हैं, तथा परियोजना की लागत रू0 2584.10 करोड़ है.
- भारत सरकार द्वारा उक्त परियोजना को बाह्य सहायतित परियोजना के रूप में एशियन डेवलपमेन्ट बैंक के माध्यम से क्रियान्वयन पर दिनांक 18 दिसम्बर, 2019 को सहमति दी गई है.