नई टिहरी। टिहरी के विधायक श्री धनसिंह नेगी ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर सभी तीर्थ पुरोहित समाज से अनुरोध है किया है कि वह इसको अन्यथा न लें। विधायक नेगी ने कहा कि यह सब आपकी एवं उत्तराखंड की भलाई के लिये लिया गया कदम है।इससे उत्तराखंड में पर्यटन के बढ़ते दबाब के लिये व्यवस्थाएं ठीक करने में सहूलियत मिलेगी। समय समय पर सभी मंदिरों में देश मेंं व्यवस्थाएं बदली हैं।
विधायक नेगी ने कहा कि इससे तीर्थ पुरोहित समाज के हक हकूकों पर कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। इससे आपको ही ज्यादा फायदा होने वाला है।
नेगी ने कहा कि 1939 के एक्ट में हक हकूक धारियों को नाम मात्र के दस्तूरात थे। 1998 में उस कमेटी में मैं सदस्य था, जिसमे मैंने इन दस्तूरात को बढ़ाने की शिफारिश की थी, जो आज बढ़कर मिलता है।
इस व्यवस्था से यात्री बढ़ेंगे, व्यवस्थाएं ठीक होंगी
इस व्यवस्था से यात्री बढ़ेंगे व्यवस्थाएं ठीक होंगी तो सभी का कारोबार चलेगा। पूजा पद्धतियां वही हैं, स्थानीय हितों का संरक्षण वही है। नेगी ने कहा कि बोर्ड में आपको प्रतिनिधित्व दिया गया है। फिर विरोध क्यों।
जब देश को चलाने के लिये सरकारें बनती हैं तो फिर मंदिर पर इस प्रकार का तर्क ठीक नहीं है। उन्होंने कहा आप राजनीति के शिकार न हों, यह मेरा आपसे आग्रह भी है।
इस एक्ट में कहीं कमी नहीं
इस एक्ट में कहीं कमी नहीं है एक बार सभी इसको पढ़ लें जो भी सुुझाव होगा, उसको सरकार संशोधन केरती रहेंगी। यह तो संवैधानिक व्यवस्था है।
विधायक नेगी ने कहा कि मैं 7 साल तक उस कमेटी मे सदस्य रहा हूँ तथा मुझे खुशी है कि मैं उस सदन का भी सदस्य हूँ जब यह एक्ट पास हुआ है। मैंने भी कई महत्वपूर्ण सुझाव दिये हैं। मेरी जानकारी के मुताबिक इसमें कोई कमी नही है। आप लोग राजनीतिक लोगों के बहकावे मे आ गये हैं। इसपर पुनर्विचार अवश्य करें, यह मेरा तीर्थ पुरोहितों से करबद्ध आग्रह भी है।
टिहरी के विधायक ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी एवं माननीय धर्मस्व मंत्री जी ने प्रदेश हित में यह निर्णय लिया है, इसके भविष्य को जरूर पहचानो।
नेगी ने कहा इसके दीर्घ कालिक परिणाम होंगे। आखिर हम मनसा देवी की प्रशंसा करते हैं, तिरुपति बाला जी की करते हैैं, द्वारिकापुरी, जगनाथपुरी की करते हैं तो फिर देव स्थानम बोर्ड की क्यों नहीं।