(डुण्डा से टीकाराम सिंह जी की रिपोर्ट)
डुण्डा. बुधवार को भड़कोट गांव में 12 वर्षीया बालक की जलकूर नदी में बहने से मौत हो गई है. गांव में घटी इस घटना से पूरे गांव में शोक की लहर है. ग्राम भड्कोट के चंदन सिंह जी का 12 वर्षीया बेटा उफनती नदी के बहाव की चपेट में आ गया. बालक का शव बरामद कर दिया है. इस घटना से ग्रामीणों में आक्रोश भी देखा जा रहा है.
बारिश के दौरान कई रातों तक सो नहीं पाते लोग
स्थानीय निवासी एवं युवा उक्रांद नेता टीकाराम सिंह जी ने बताया कि जब बारिश के दौरान जलकूर क़ा जलस्तर बढ़ता है तो लोग कई रातों तक सो नहीं पातें हैं, क्योंकि नीचे से नदी का खतरा और ऊपर से खरबिटटा नामक पहाड़ गिरने क़ा खतरा बना रहता है. उन्होंने बताया कि यह पहाड़ दरकता रहता है. बजाया गया है कि 1995 की बाढ़ में भी कई सारे मकान जमींदोज हो गए, लेकिन उनका पुनर्वास अभी तक नहीं हो पाया. यही हाल कमद गावं जो डुण्डा ब्लॉक उत्तरकाशी की गाजणा पट्टी में आता है जो खाल्द मार्केट में दो गांव के निवासी रहते हैं.
नदी और पहाड़ की डर, छानियों व रिश्तेदारों के यहां शरण लेते हैं लोग
साथ ही ग्राम सभा ठाण्डी के सेम नामक बस्ती जो गदेरों के बीच में है लोग बहुत जादा डरें हुए हैं, क्योंकि जब बारिश होती है तो लोग दो गदेरों के डर से छानियों में शरण लेते हैं या अपने रिश्तेदारों के यहां जाते हैं. सरकार से लोगों को पुनर्वास की दरकार है. चुनाव के दौरान यह बातें उठती भी हैं, लेकिन फिर बात वहां की वहीं अटक जाती है. कमद के शत्रुघन चौहान जी बताते हैं बारिश के समय कोई भी लोग रातभर सो नही पातें हैं, क्योंकि मौत क़ा खतरा चारों ओर से है ऊपर से पहाड़ दरकने क़ा डर और नीचे से जलकूर नदी का डर.