15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को होने वाले चुनाव को लेकर उत्तराखंड (Uttarakhand) में भी राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. माना जा रहा है कि उत्तराखंड विधानसभा की चंपावत सीट के उपचुनाव के बाद भाजपा में राज्यसभा की 1 सीट के लिए गतिविधि और तेज होगी. फिलवक्त पार्टी और पार्टी नेतृत्व का ध्यान चंपावत सीट पर हो रहे उपचुनाव में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर धामी जी की जीत को सुनिश्चित करना है, ताकि खटीमा से चुनाव हारने के बावजूद श्री धामी को मुख्यमंत्री बनाए जाने का पार्टी का फैसला सही साबित किया जा सके. चंपावत चुनाव परिणाम के बाद राज्यसभा की एक सीट के लिए राजनीतिक गुणाभाग शुरू होना तय है.
बता दें कि कांग्रेस कोटे से राज्यसभा गए श्री प्रदीप टमटा (Pradeep Tamta) का कार्यकाल चार जुलाई को खत्म होने जा रहा है और उत्तराखंड से राज्यसभा (Rajya Sabha) की तीन सीटों में से कांग्रेस के प्रदीप टम्टा जी की जगह इस सीट पर विधानसभा संख्या गणित के लिहाज से इस बार भाजपा की जीत तय है.
उत्तराखंड से राज्यसभा सीटों के लिए अन्य प्रदेश के नेताओं को भेजने का भी प्रचलन भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों में रहा है, लेकिन अब पिछले कुछ सालों से राज्य के नेताओं को ही राज्यसभा में भेजकर पार्टियां राज्य की जनता व नेताओं की भावनाओं का सम्मान करने लगी हैं. फिलहाल हम बात करें इस बार के राज्यसभा चुनाव के लिए 1 सीट की तो जिस तरह कांग्रेस ने पिछली बार उत्तराखंड के अनुसूचित जाति के लोगों को लुभाने के लिए प्रदीप टमटा को राज्यसभा भेजकर बढ़ा संदेश दिया, क्या भाजपा अब इस सीट पर किसी दलित चेहरे को भेजकर कोई बड़ा संदेश राज्यवासियों को देगी, इस बात को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं.
हाल के विधानसभा चुनाव में खासकर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में बसपा और कांग्रेस के परंपरागत दलित वोटरों ने भाजपा को वोट देकर प्रचंड विजय की ओर अग्रसर किया और सत्ता का इतिहास रचा, ऐसे में माना जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत इस बार राज्यसभा के लिए उत्तराखंड की इस एक सीट पर भाजपा किसी अनुसूचित जाति के अपने बड़े लीडर को राज्यसभा भेजेगी. ऐसे में माना जा रहा है कि यदि पार्टी ने प्रदीप टमटा की जगह किसी उत्तराखंड के इस वर्ग के पार्टी नेता को राज्यसभा भेजने का मन बनाया तो पार्टी में कई सालों से सक्रिय रहीं डॉ. स्वराज विद्वान की लॉटरी लग सकती है.
जानें कौन हैं डॉ. स्वराज विद्वान
उत्तराखंड और भारतीय जनता पार्टी में राजनीतिक सक्रियता की दृष्टि से देखें तो डॉ. स्वराज विद्वान दलित चेहरों में सबसे लोकप्रिय नाम है, जो भाजपा उत्तराखंड की वरिष्ठ नेत्री एवं पर्वतीय सीमांत जिला उत्तरकाशी से आती हैं. डॉ. स्वराज विद्वान अपने छात्र जीवन से ही राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहीं हैं और वर्ष 2003 में सक्रिय राजनीति में आकर उत्तरकाशी जनपद के भण्डारस्यूं क्षेत्र से पहली बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जनपद एवं प्रदेश में सबसे अधिक वोटों से जीता.
संगठन के प्रति समर्पण, कर्तव्यनिष्ठा के चलते डॉ. स्वराज विद्वान (Dr. Swaraj vidwan) की भाजपा संगठन में राष्ट्रीय परिषद का सदस्य बनाने के बाद शुरू हुई राजनीतिक यात्रा अनवरत जारी है और वे अब तक कई पदों की जिम्मेदारी निभा चुकी हैं. डॉ. स्वराज विद्वान उत्तरकाशी जनपद में भाजपा (संगठन) की जिलाध्यक्ष, दो बार भाजपा प्रदेशमंत्री के साथ ही प्रदेश एवं देश की अनेक सरकारी एवं सामाजिक संगठनों की सदस्य एवं पदाधिकारी रही. सामाजिक कार्यों में डॉ. स्वराज विद्वान के योगदान के लिये उन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है.
“तीलू रौतेली पुरस्कार” सहित कई सम्मान हैं हासिल
इसके अलावा भी साल 2005-06 में उत्तराखंड सरकार ने सामाजिक क्षेत्र में महिलाओं को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान राज्य स्त्री शक्ति “तीलू रौतेली पुरस्कार”, 2007-08 में भारत सरकार द्वारा सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये राष्ट्रीय युवा पुरस्कार “स्वामी विवेकानंद अवॉर्ड”, समरसत्ता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए 2011 में समरसत्ता अवार्ड, 2012 में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर “महिला शिरोमणि अवॉर्ड”, 2015 में भारत सरकार के महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिये “नारी शक्ति पुरस्कार” आदि पुरस्कारों से डा. स्वराज विद्वान नवाजी गई हैं. एशिया पोस्ट -फेम इंडिया सशक्त राजनेत्री सर्वे 2017 में लगन, हौसला, संवाद क्षमता और पहचान आदि प्रमुख मानदंडों पर हुई रेटिंग व विश्लेषण के आधार पर डॉ. विद्वान को एशिया में सातवें प्रमुख स्थान पर माना गया है.
बता दें कि डॉ. विद्वान ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य के पद पर रहकर पूरे देश में गरीब असहाय निर्बल एवं पीड़ितों को न्याय दिलाने में हर सम्भव प्रयास किया जो निरन्तर जारी है. डॉ. विद्वान निस्वार्थ भाव से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा के संकल्प, विकास कार्यों का लाभ समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचाने सक्रिय हैं. ऐसे में राज्य की अनुसूचित जाति की जनता के साथ ही सीमांत जनपद उत्तरकाशी की जनता उम्मीद कर रही है कि भाजपा इस बार अनुसूचित जाति की भाजपा नेत्री सुश्री डॉ. स्वराज विद्वान जी को राज्यसभा के लिए नामित कर उत्तरकाशी जनपद को संसद में अवसर देगी.