देहरादून. शनिवार को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून के परेड ग्राउण्ड में आयोजित विशाल जनसभा को सम्बोधित कर जहां राज्य को विकास योजनाओं की सौगात दी वहीं अपने संबोधन की शुरूआत गढ़वाली में करने के साथ संबोधन की समाप्ति उत्तराखंड के प्रति अपने भाव को प्रकट कर लोगों का दिल जीत लिया.
उत्तराखंड देवभूमि के प्रति प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का खास आध्यात्मिक लगाव रहा है और केदारनाथ के पुनर्निर्माण, आलवेदर रोड, बद्रीनाथ में आधारभूत सुविधाओं के निर्माण के लिए जो कार्य पिछले 70 सालों में नहीं हो पाए वो मोदी जी के कार्यकाल में साकार हो रहे हैं.
देहरादून की सभा में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने उत्तराखंड को समर्पित कविता की पंक्तियों से जो मन के भाव प्रकट किए, उससे उत्तरांखड वासी और दुनिया के कौने कौने में रह रहे उत्तराखंडी प्रवासी गद गद हो उठे. इन पंक्तियों को हर किसी ने सोशल मीडिया के जरिए शेयर किया आप भी गुनगुनाएं इन पक्तियों को….
जहाँ पवन बहे संकल्प लिए, जहाँ पर्वत गर्व सिखाते हैं,
जहाँ ऊँचे नीचे सब रस्ते बस भक्ति के सुर में गाते हैं,
उस देव भूमि के ध्यान से ही, मैं सदा धन्य हो जाता हूँ.
है भाग्य मेरा, सौभाग्य मेरा, मैं तुमको शीश नवाता हूँ..
जहाँ अंजुली में गंगा जल हो, जहाँ हर मन निश्छल हो,
जहाँ गाँव गाँव में देश भक्त, जहाँ नारी में सच्चा बल हो,
उस देवभूमि का आशीर्वाद लिए, मैं चलता जाता हूँ.
है भाग्य मेरा, सौभाग्य मेरा, मैं तुमको शीश नवाता हूँ..
मंडवे की रोटी, हुड़के की थाप,
हर एक मन करता, शिवजी का जाप.
ऋषि मुनियों की है, ये तपो भूमि,
कितने वीरों की है, ये जन्म भूमि.
मैं तुमको शीश नवाता हूँ और धन्य धन्य हो जाता हूँ..