देहरादून. काशी विश्वनाथ के बाद अब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Shri Narendra Modi) जी द्वारा श्री महाकालेश्वर उज्जैन (Shri Mahakaleshwar Ujjain) में महाकाल लोक (ShriMahakalLok) लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर मंगलवार को मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Shri Pushkar Singh Dhami) ने सोमवार को देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर (Tapkeshwar Mahadev Temple) में पूजा अर्चना की.
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने महाकाल लोक (ShriMahakalLok) लोकार्पण कार्यक्रम का वर्चुअल रूप से अवलोकन भी किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में संपूर्ण देश में धर्म संस्कृति को संवारने एवं मजबूती प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है. प्रधानमंत्री के नेतृत्व में ही श्री केदारनाथ धाम, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का भव्य एवं दिव्य निर्माण कार्य हुआ है.
अयोध्या में भी भव्य राम मंदिर का कार्य चल रहा है. उन्होंने कहा कि उज्जैन में महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद महाकाल मंदिर का भव्य रूप देखने को मिलेगा. मुख्यमंत्री ने इससे पूर्व टपकेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी आदि उपस्थित रहे.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ के बाद अब मंगलवार को उज्जैन में महाकाल लोक का लोकार्पण किया गया. महाकाल लोक का लोकार्पण के उपलक्ष्य में देशभर के में भाजपा नेताओं ने महा ज्योतिर्लिंग मंदिरों के साथ ही शिवालयों में विशेष पूजा अर्चना की.
क्या है महाकाल लोक परियोजना
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के उज्जैन में श्री महाकाल लोक में महाकाल लोक परियोजना का पहला चरण राष्ट्र को समर्पित किया. महाकाल लोक परियोजना का पहला चरण, विश्व स्तरीय आधुनिक सुविधाएं प्रदान करके यहां मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों के अनुभव को समृद्ध करने में मदद करेगा.
इस परियोजना का उद्देश्य इस पूरे क्षेत्र में भीड़भाड़ को कम करना और विरासत संरचनाओं के संरक्षण और जीर्णोद्धार पर विशेष जोर देना है. इस परियोजना के तहत मंदिर परिसर का करीब सात गुना विस्तार किया जाएगा. इस पूरी परियोजना की कुल लागत लगभग 850 करोड़ रुपये है. इस मंदिर का मौजूदा फुटफॉल वर्तमान में लगभग 1.5 करोड़ प्रति वर्ष है, इसके दोगुना होने की उम्मीद है. इस परियोजना के विकास की योजना दो चरणों में बनाई गई है.
यहां महाकाल पथ में 108 स्तंभ हैं जो भगवान शिव के आनंद तांडव स्वरूप (नृत्य रूप) को दर्शाते हैं. महाकाल पथ के किनारे भगवान शिव के जीवन को दर्शाने वाली कई धार्मिक मूर्तियां स्थापित की गई हैं. इस पथ के साथ-साथ बने भित्ति चित्र शिव पुराण में वर्णित सृजन के कार्य, गणेश के जन्म, सती और दक्ष की कहानियों पर आधारित है. इस प्लाजा का क्षेत्रफल 2.5 हेक्टेयर में फैला हुआ है और एक ये कमल के तालाब से घिरा हुआ है जिसमें पानी के फव्वारे के साथ शिव की मूर्ति है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सर्विलांस कैमरों की मदद से इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर द्वारा इस पूरे परिसर की चौबीसों घंटे निगरानी की जाएगी.