श्री शीशपाल गुसाईं (वरिष्ठ पत्रकार)
टिहरी. गढ़वाल विश्वविद्यालय के सीनियर प्रोफेसर आरसी रमोला, प्रोफेसर आर.के. मैखुरी और प्रोफेसर डॉ. अजय सेमल्टी ने अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर उत्तराखंड का नाम वैश्विक पटल पर रौशन किया है.
अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (Stanford University) के शोध समूह द्वारा 10 अक्टूबर को जारी सूची में एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय (HNB Garhwal University) के इन 3 वैज्ञानिकों ने विश्व के 2% वैज्ञानिकों में अपना नाम दर्ज किया है. अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोध समूह की सूची में दुनिया के टॉप वैज्ञानिकों को शामिल किया जाता है.
विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे दुनिया भर के 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की प्रतिष्ठित वैश्विक सूची में जगह बनाने वाले आर.सी. रमोला ( RC Ramola) जनपद टिहरी के, गढ़वाल विश्वविद्यालय परिसर बादशाहीथौल (Garhwal University Campus Badshahithol) में भौतिकी के सीनियर प्रोफेसर हैं. इस सूची में स्थान हासिल करने वाले प्रोफेसर आर.के. मैखुरी (Professor R.K. maikhuri) गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर परिसर (Garhwal University Srinagar Campus) के पर्यावरण विभाग के विभागाध्यक्ष हैं. वहीं डॉ. अजय सेमल्टी (Dr. Ajay Semalti) गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर परिसर के फार्मेसी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
प्रोफेसर सेमल्टी ने तीसरी बार, जबकि प्रोफेसर रमोला और प्रोफेसर मैखुरी ने दूसरी बार विज्ञानियों की इस प्रतिष्ठित सूची में अपना नाम दर्ज किया है. गढ़वाल विश्वविद्यालय के यह तीनों वैज्ञानिक अपने-अपने क्षेत्रों में निपुण और काबिलियत रखते हैं और इनका काम विश्व पटल पर उल्लेखनीय है. विज्ञान के उत्थान के लिए उत्तराखंड के लिए यह गौरव की बात है.
बता दें कि स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा विश्व के श्रेष्ठ वैज्ञानिकों का डेटाबेस तैयार किया जाता है, जिसमें वे प्रत्येक वर्ष विज्ञान और इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाओं में दुनिया के शीर्ष 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची प्रकाशित करते हैं. यह सूची एच-इंडेक्स, शोधपत्र मे सह-लेखकों की संख्या, विभिन्न शोधपत्रों में उद्धरण आदि विभिन्न मापदंडों के आधार पर विकसित एक समग्र सी संकेतक के माध्यम से विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध कार्य के प्रभाव को दर्शाती है. इसी सूची में उत्तराखंड के एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय के उक्त वैज्ञानिकों ने राज्य का नाम रौशन किया है.