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देहरादून. राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में खेती और बागवानी के लिए अनेक महत्वपूर्ण पहल की गई हैं. जंगली जानवरों मुख्यतः जंगली सूअर तथा बंदर द्वारा कृषि को पहुंचाए जाने वाले नुकसान को कम करने के उद्देश्य से तार-बाड़ योजना शुरू की गई है, जिसके बेहतर परिणाम भी मिल रहे हैं. इसमें अल्मोड़ा का उदाहरण लिया जा सकता है.
- अल्मोड़ा जनपद के 7 विकास खंडों में आजीविका परियोजना के सहयोग से लगभग 2000 से अधिक प्रगतिशील काश्तकारों को जालीदार तार-बाड़ उपलब्ध कराई गयी है.
- यह तार-बाड़ परियोजना के अंतर्गत गठित आजीविका संघ द्वारा मांग/आवश्यकता के आधार पर प्रगतिशील काश्तकारों को न्यूनतम शुल्क पर उपलब्ध कराई जा रही है.
- इससे उत्पादन में अच्छी बढोतरी हुई है. तार-बाड़ की उपयोगिता को देखते हुए क्षेत्र में इसकी मांग अत्यधिक बढ़ गई है.