-जगमोहन आज़ाद
देहरादून. देहरादून के आई.आर.डी.टी ऑडियोरियम में नई पहल नई सोच संस्था के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर उत्तराखंड में जमीनी धरातल पर उतकर संघर्षरत महिलाओं को सम्मानित किया गया. ‘नई पहल नई सोच’ के वर्ष 2020 के शैलश्री सम्मान से मुम्बई के सेंट जैवियर्स कालेज में राजनीति शास्त्र की प्रोफेसर सुश्री प्रतिभा नैथानी भी नवाजी गईं.
सुश्री प्रतिभा नैथानी ने एसिड अटैक से पीड़ित महिलाओं के लिए ‘सेवा द फेस ‘ परियोजना के जरिए एसिड अटैक पीड़िताओं की मुफ्त सर्जरी करवाती हैं. सुश्री प्रतिभा नैथानी ने टेलीविजन पर दिखाई जाने वाली हिंसा, अश्लीलता रोकने के लिए न्यायालय में जनहित याचिका लगाकर नकेल कसने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
बच्चों के लिए खतरनाक विज्ञापनों पर भी आपकी ही पहल से रोक लगी. इनके साथ ही शैलश्री सम्मान श्रीमती कमला देवी ग्राम लखणी, गरुड़ जनपद बागेश्वर को उनके लोकगायक विशेष रूप से ‘राजुला मालूशाही’ के जागर गायन के लिए समर्पित किया गया है. लोकगायिका कमलादेवी चांचड़ी, झोड़ा, छपेली, भकनोल और हुड़क्या बौल गाती हैं लेकिन ‘राजुला मालूशाही’ और ‘गंगनाथ’ की जागर में उन्हें महारथ हासिल है.
राजुला मालूशाही जागर गायन की उन्हें अकेली गायिका माना जाता है. इस जागर में महिलाएं भाग लगाने ( कोरस गाने ) के लिए भी नहीं मिलती हैं. लेकिन आपने इस जागर को अपने पिता बिरराम जी से सीखकर जीवित रखा है,और वर्ष 2020 का देवी श्री सम्मान सुश्री प्रतिभा नैथानी को उनकी समाज सेवा के लिए प्रदान किया गया है. इस मौके पर नई पहल नई सोच के तत्वावधान में आयोजित महिला सम्मान समरोह में देश-विदेश के बड़ी संख्या में समाज सेवी,लेखक-पत्रकार और लोक कलाकार मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन गढ़वाली लेखक-कवि गणेश खुगशाल गणी ने किया.