देहरादून. रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) से भारतीय अर्थव्यवस्था और व्यापार बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है. युद्ध के कारण दुनिया के साथ भारत में भी महंगाई और बढ़ने की आशंका है. इसका असर तेल की बढ़ती कीमतों पर शुरू हो गया है. रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में आपूर्ति घटने की आशंका में कमोडिटी कीमतें आसमान छूने लगी हैं. क्रूड ऑयल, सोना-चांदी, मेटल और एग्री कमोडिटी में तूफानी तेजी आ गयी है.
इनमें क्रूड ऑयल और एग्री कमोडिटी की महंगाई का सीधा असर भारतीय उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. क्रूड ऑयल 100 डॉलर के पार होने से पेट्रोल-डीजल और महंगे हो जाएंगे, हालांकि 5 राज्यों में चुनावों के कारण 10 मार्च तक पेट्रोलियम कंपनियां मूल्य वृद्धि को टाल रही हैं, लेकिन खाद्य तेल महंगे होने शुरू हो गए हैं. सभी खाद्य तेल 12% से 24% तक मंहगे हो चुके हैं. हालात बिगड़ने पर व्यापारी और तेजी की आंशका जता रहे हैं.
रूस-यूक्रेन युद्ध ने भारतीय उपभोक्ताओं के लिए भी चिंता पैदा कर दी है. खाद्य तेलों में 65% तक आयात निर्भरता होने के कारण वैश्विक तेजी का सीधा असर घरेलू तेल बाजारों में हो रहा है. वैसे खाद्य तेलों में पिछले तीन-चार सप्ताह से ही तेजी का रूख है. पिछले माह इंडोनेशिया सरकार ने घरेलू कीमतों को काबू में करने के लिए निर्यात नियम कड़े कर दिए हैं. उसके बाद ब्राजील, अर्जेंटीना और पेरूग्वे में सोयाबीन का उत्पादन सूखे के कारण 35 से 40% कम होने की खबर है. और अब रूस के यूक्रेन पर हमले से ग्लोबल मार्केट में खाद्य तेल कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंच गयी हैं. हालांकि अभी भारत में सर्वोच्च स्तरों से दाम 5 से 7% नीचे हैं.