पुणे. संस्कृति ग्रुप ऑफ़ स्कूल, पुणे की संस्थापिका तथा कवयित्री श्रीमती देवयानी मुंगली जी का ‘मतवाली मनचली कविताएं’, दूसरा कविता संग्रह प्रकाशित हुआ है. इस कविता संग्रह का विमोचन महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी जी के करकमलों द्वारा राजभवन, पुणे में शनिवार, 12 दिसंबर, 2020 को संपन्न हुआ.
महामहिम राज्यपाल ने विमोचन समारोह में श्रीमती देवयानी मुंगली का अभिनंदन करते हुए कविताओं की सरल एवं सुगम भाषा में प्रस्तुति की प्रशंसा की है. राज्यपाल ने कहा कि कविताएं युवा पीढ़ी के मन में साहित्य के प्रति रूचि तथा प्रेम पैदा करने का महत्त्वपूर्ण ज़रिया है. राज्यपाल ने इस बेहतरीन कार्य के लिए श्रीमती मुंगली को शुभकामनाएं देकर संस्कृति स्कूल के प्रति मंगल कामना प्रकट की है. महाराष्ट्र में रहकर भी उत्तराखंड की संस्कृति और कुमाऊंनी भाषा को जागृत रखने के प्रयासों के लिए आदरणीय राज्यपाल ने श्रीमती देवयानी मुंगली को अपना आशीर्वाद दिया.
29 कविताओं का मिश्रित संग्रह
मशहूर शिक्षाविद तथा संस्कृति ग्रुप ऑफ़ स्कूल की संस्थापिका कवयित्री श्रीमती देवयानी मुंगली जी के दूसरे काव्य संग्रह ‘मतवाली मनचली कविताएं’ में अलग-अलग शैली की 29 कविताओं का मिश्रित संग्रह है. समकालीन तथा बच्चों के रोजमर्रा के विषयों पर लिखी गई बालकविताएं बालमन पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं. प्रस्तुत कविताओं में अद्भुत कल्पना को स्थान देकर पाठकों के मन में सहजता से जिज्ञासा का निर्माण किया है.
श्रीमती देवयानी कर रही हैं हिंदी को समृद्ध करने का प्रयास
विगत कई दशकों से शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत श्रीमती देवयानी मुंगली ने छात्रों के करीब होकर अध्यापन कार्य किया है. उन्होंने छात्रों के मन में हिंदी जैसी समृद्ध और वैभवशाली भाषा के प्रति अधिक रूचि बढ़ाने हेतु कविता जैसे उत्तम एवं प्रभावी साधन का सफल प्रयोग किया है, जो अपने आप में अनूठा है.
श्रीमती देवयानी मुंगली ने कहा कि हिंदी काव्य साहित्य एक विशाल भंडार से युक्त है, लेकिन इसमें बालमन को छूने वाली तथा मज़ेदार कविताओं का कहीं अभाव है. आज की हिंदी भाषा हिंदी कम और हिंदुस्तानी अधिक लग रही है, जिसमें विदेशी भाषाओं का समावेश हुआ है. बच्चों को हिंदी भाषा का उचित ज्ञान हो, इसलिए परिपूर्ण एवं विशाल शब्द भंडार की आवश्यकता है और इसी भंडार की वृद्धि हेतु मैंने बच्चों के नजदीकी विषय प्रस्तुत करने का यह प्रयास किया है.
कविताओं में सुगम और रोचक भाषा के प्रयोग
कविताओं में सुगम और रोचक भाषा के प्रयोग के साथ-साथ अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग सहज और मजाकिए ढंग से किया गया है. फिर एक कविता ऐसी भी है कि किसी बच्चे ने कद्दू का बीज निगल लिया है और वह फिर अपने पेट में पौधा उगने की चिंता से परेशान है या एक कविता ऐसी भी है, जिसमें एक बच्चे ने दंतचिकित्सक के डर से दो बार ब्रश करने तथा मिठाई न खाने का वादा भी किया है. कुछ कविताएं बच्चों को रोजमर्रा की घटनाओं को अलग दृष्टिकोण से देखने के लिए प्रेरित करती हैं जैसे कि ‘रंगों की हड़ताल’ कविता में बच्चा जब रंगों की पेटी खोलता है तो सारे रंग ही अपने काम से परेशान होकर हड़ताल करते हैं.
श्रीमती देवयानी मुंगली जी के ‘मतवाली मनचली कविताएँ’ संग्रह के प्रकाशन समारोह मा. राज्यपाल महोदय के साथ-साथ पुलिस, प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी और कई वरिष्ठ न्यायाधीशआदि मान्यवरों की उपस्थिति में संपन्न हुआ.