घनसाली. हाल ही में जनपद टिहरी गढ़वाल के भिलंगना क्षेत्र की ग्यारहगांव हिंदाव पट्टी के ढुंग बजियालगांव की लोक-संस्कृति कलाकार श्रीमती गजुला देवी का देहांत होने से उत्तराखंड लोक संस्कृति के आकाश ने एक और सितारा खो दिया है. लोक-संस्कृति की संवाहक श्रीमती गजुला देवी धर्मपत्नी श्री शिवजनी जी इंद्रमणि बडोनी जी के नेतृत्व में 1956 में दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड में उत्तर प्रदेश की टीम के रूप में प्रतिभाग करने वाली एक मात्र जीवित नृत्यांगना थी.
इससे पहले दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड की अगुआई करने वाली की ग्यारहगांव हिंदाव पट्टी के ढुंग ग़ांव की प्रख्यात संस्कृतिकर्मी श्रीमती माला देवी जी का निधन 4 अगस्त 1991 में हो गया था. स्व. माला देवी धर्मपत्नी गिरीराज जी दोनों पति-पत्नी उस टीम के अभिन्न अंग थे. बताते हैं कि स्व. इंद्रमणि बडोनी जी स्व. माला देवी में लोक कला की खूबियों के साथ ही महिला नेतृत्व के गुणों को पहचानते थे. इसी कारण जब स्व. इंद्रमणि बडोनी जी ब्लाक प्रमुख जखोली रहे तब उन्होंने स्व. माला देवी धर्मपत्नी गिरीराज को बीडीसी का सदस्य बनाकर महिला उत्थान के लिए उन्हें बीडीसी सदस्य के रूप में नेतृत्व सौंपा था.
उम्दा नेतृत्व क्षमता के बलबूते माला देवी ने दिल्ली की परेड में सबसे अग्रिम पंक्ति में नृत्य पेशकर जहां अन्य कलाकारों का हौसला बढ़ाया था, वहीं पंडित नेहरू को भी उत्तराखंड के लोक नृत्य पर नृत्य करने मजबूर कर दिया था. माला देवी नृत्य में तो पारंगत थी ही साथ ही टीम में सुर कोकिला के रूप में भी प्रसिद्ध थी. सांकृतिक कार्यक्रमो में माला देवी के मधुर कंठ से सजे गीतों पर दर्शक थिरकने लगते थे.
टीम के द्वारा राजपथ पर प्रस्तुत केदारनृत्य का प्रदर्शन इतना सफल रहा कि इसे नेहरू जी के विशेष आग्रह पर पुनः राष्ट्रपति भवन में भी आयोजित किया गया.
उत्तराखंड के गांधी स्व. इंद्रमणि बडोनी जी के नेतृत्व में माला देवी धर्मपत्नी गिरीराज और गजुला देवी धर्मपत्नी श्री शिवजनी जी की यह जोड़ी दशकों तक उत्तराखंड के बीर भड़ों की नृत्य नाटिकाओं के मंचन की मुख्य स्तंभ रही हैं.
माला देवी जहां सुरों की धनी थी वहीं गिरीराज जी गीतों की शब्द रचना के जानकार थे. साथ ही माधोसिंह भंडारी नृत्य नाटिका में गिरीराज जी चम्मफू हुड़किया के किरदार को जीवंत कर दर्शकों की वाहवाही बटोरते थे.
यह जोड़ी राज्य की लोक संस्कृति के संरक्षण की बात हो या राज्य के हकों के लिए चलाए जाने वाले महिला उत्थान एवं जन जागरूकता आदि के सांकृतिक कार्यक्रम, उत्तराखंड की लोक संस्कृति के प्रचार में आजीवन समर्पित रही.
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड की संस्कृति कर्मी व पूर्व बीडीसी सदस्या स्व. माला देवी के सुपुत्र भाजपा के आर्थिक प्रकोष्ठ के संयोजक श्री दर्शनलाल आर्य लंबे समय से घनसाली विधानसभा क्षेत्र में समाजसेवा के क्षेत्र में दिन रात कार्य कर रहे हैं. भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री दर्शनलाल आर्य अपनी माता स्व. माला देवी और पिता गिरीराज के उन सपनों को पूरा करने में जुटे हैं, जिसमें पहाड़ के सुदूर क्षेत्रों में सुविधाओं से बंचित लोगों का सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक उत्थान हो सके.