देहरादून. उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में मचे राजनीतिक घमासान और 70 उम्मीदवारों के ऐलान के लिए अंतिम रस्साकशी के बीच कांग्रेस चुनाव समिति के प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) उत्तराखंड में भाजपा की नाकामियों को गिनाने के मोर्चे पर डटे हैं. चुनाव आयोग द्वारा कोविड नियमों के पालन के लिए बड़ी रैलियों पर बैन लगा रखा है और ऐसे में सभी नेता वर्चुअल माध्यम और सोशल मीडिया के जरिए अपनी बातें जनता तक पहुंचा रही हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) ने उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था को लेकर नाकाम रहने का आरोप भाजपा सरकार पर लगाया है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, राजीव गांधी अभिनव स्कूल और मॉडल स्कूल की योजना प्रारंभ की और हमने प्राइवेट नामचीन स्कूलों को आमंत्रित करने के लिए भी एक कार्य योजना बनाई, जिस पर अमल प्रारंभ किया.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि खैर प्राइवेट स्कूलों को आमंत्रित करने की जो योजना बनाई, उसमें सरकार की ओर से सस्ते दरों पर लीज पर जमीन देने की बात भी थी, वो योजना कानूनी खरपैंचों में पड़कर के रोड ब्लॉक का शिकार हो गई. उत्तराखंड में मॉडल स्कूल और राजीव अभिनव स्कूल आगे बढ़ने चाहिए थे, लेकिन भाजपा सरकार ने 3 साल तो इस बात में ले लिए कि इनका नाम कैसे बदला जाए. हरीश रावत ने कहा कि अनंतोगत्वा चौथे साल में भाजपा ने तय किया कि मॉडल स्कूलों का नाम अटल मॉडल स्कूल रखा जाएगा.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हम कह रहे हैं अटल जी के नाम पर बहुत अच्छा, उनके नाम पर भी नाम रखिए. लेकिन कुछ उन स्कूलों के जो हमने तय किया था, शिक्षकों आदि का मामला, जो वहां सुविधाएं विकसित करनी प्रारंभ की थी, वो सारी योजना रोक दी गई. आज कागजों में मॉडल स्कूल हैं, अभिनव स्कूल दम तोड़ रहे हैं, राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों के लिए आप अध्यापक उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं, सब एडहोकेज में काम चल रहा है, शिक्षा व्यवस्था चरमरा रही है, चौपट हो रही है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हमने सुधारा है, शिक्षा व्यवस्था को आगे भी सुधारएंगे. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि इंतजार करिए मार्च 2022 का इंतजार करिए, यह व्यवस्था सुधारेंगे.