दिल्ली. आखिरकार उपचुनाव के चुनाव परिणामों ने केंद्र सरकार की नींद जगाने पर मजबूर कर दिया. देशभर में कोविड की मार के से लाचार आम जनता देश में बढ़ती महंगाई से त्रस्त है और ऐसे में पेट्रोल डीजल की कीमतों में भड़कती आग महंगाई के जख्मों को और पिघला रही थी.
हाल के उपचुनाव में जनता ने महंगाई के विरोध में अपना मत दिया और भारतीय जनता पार्टी को देश में 14 सीटों पर उपचुनाव में हरा दिया. यह बात जब हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम रमेश ने कह डाली तो भाजपा को इस बात का अहसास हुआ और अब केंद्र ने पेट्रोल पर 5 रुपए और डीजल पर 10 रुपए की एक्साइज डयूटी घटा कर जनता को राहत दे दी है. इस पर देश के सभी राज्यों में पेट्रोल डीजल के दामों में 12 रुपए तक की कमी आ गई है.
बता दें कि महंगाई के विरोध में कांग्रेस जगह जगह आंदोलन कर रही है. पेट्रोल डीजल के दामों को घटाने के लिए मजबूर करने के लिए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने देश की आमजनता को बधाई दी है. रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रजातंत्र में “वोट की चोट” से भाजपा को सच का आईना दिखा ही दिया। उन्होंने याद दिलाया कि मई 2014 में पेट्रोल ₹71.41 व डीजल ₹55.49 था, तब कच्चा तेल 105.71 डॉलर/बैरल था. उन्होंने कहा, आज कच्चा तेल $82 बैरल है तो पेट्रोल के दाम 2014 के बराबर होने चाहिए. बता दें कि इस साल 2021 में पेट्रोल ₹28 और डीजल के दाम ₹26 बढ़ गए थे.
पेट्रोल और डीज़ल के दाम साल 2021 में ₹28 व ₹26 प्रति लीटर बढ़ाओ और फिर ₹5 व ₹10 प्रति लीटर घटा दिवाली गिफ़्ट कहलवाओ !
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— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 3, 2021