मुंबई. उत्तराखंड की देवभूमि देव अनेक ऐसे ख्याति प्राप्त लोग हुए हैं, जिन्होंने उत्तराखंड के नाम को अपने कामों से दुनिया के शीर्ष पटल पर बुलंद किया है. बात जब खेल की दुनिया के सुनहरे इतिहास की हो तो हॉकी में मीर रंजनसिंह नेगी, निशानेबाजी में जसपाल राणा, क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी आदि प्रतिभाओं ने अपने शानदार प्रदर्शन से उत्तराखंड का नाम देश और दुनिया में ऊंचा किया है.
आज एक तरफ उत्तराखंड के खिलाड़ी ऋषव पंत, पवन नेगी, जैसे युवा खिलाड़ी अपनी बाजुओं की ताकत से विश्व क्रिकेट में उत्तराखंड और देश का परचम लहरा रहे हैं, तो वहीं बॉक्सिंग की दुनिया में उत्तराखंड का एक और लाल दुनिया के बॉक्सरों को पटखनी देकर चारों खाने चित कर उत्तराखंड और देश का नाम बॉक्सिंग के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखने की तैयारी में जुटा है.
यहां बात हो रही है पिथौरागढ़ के पुनेरी गांव में स्व. नवीन दामोदर पुनेरा व श्रीमती ऊषा पुनेरा के घर जन्में श्री विमल पुनेरा की. किसान माता पिता के घर जन्मे विमल पुनेरा ने विद्यालयी शिक्षा गांव में ही पूरी की. पुनेरा भी आम उत्तराखंडी युवाओं की तरह पढ़ लिख कर सेना में या किसी नौकरी में जाने की ओर अग्रसर ही थे कि विमल पुनेरा की बाजुओं की ताकत को उनके भाई भारतीय सेना के जवान श्री राकेश पुनेरा ने पहचान लिया.
52 किलो ग्राम वजन वर्ग में खेलते हैं पुनेरा
श्री राकेश पुनेरा ने विमल को पिथौरागढ़ के श्री विजेंद्र मल्ल, श्री प्रकाश थापा, श्री राजेन्द्र देवलाल जी के पास ले आए. श्री विजेंद्र मल्ल व यह सभी लोग तब पिथौरागढ़ में ही बॉक्सिंग की क्लास चलाते थे और उन्हें भी किसी ऐसे शिष्य को पारंगत करने की चाहत थी जो, जो दुनिया के बॉक्सरों को बॉक्सिंग रिग में चित्त कर सके. श्री विजेंद्र मल्ल जी की लगभग 5 या 6 लोगों को एशियन मेडल दिलाने में प्रमुख भूमिका थी. अपने इन्ही गुरुओं की प्रेरणा से लेकर विमल पुनेरा ने बॉक्सिंग की कोचिंग शुरू की और पहली बार राज्य में ही 13 जिलों की टीमों के साथ 52 किलो ग्राम वजन गुट में फ्लाईवेट बॉक्सिंग में सिल्वर मेडल प्राप्त किया.
मंजिल तक पहुंचने के लिए मायानगरी मुंबई में देवराज दास जी का मिला साथ
बस यह सिल्वर मेडल सोने में बदलने के लिये फिर विमल पुनेरा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपनी मंजिल पर पहुंचने के लिये रुख किया मायानगरी मुंबई का. यहां विमल पुनेरा की मुलाकात वाशी स्थिति मरीन सेंटर में खेल प्रतिभाओं को तरासने वाले श्री कैप्टन पार्थोदास व देवराज दास जी से हुई, जिनसे पहली ही मुलाकात में पुनेरा को अपनी मंजिल पर पहुंचने का रास्ता निकट आ गया. पुनेरा विदेशों में 4 बार बड़े प्रोफेशनल बाक्सिंग आयोजनों में भाग ले चुके हैं और चारों बार विदेशी बॉक्सरों को धूल चटाकर बॉक्सिंग प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज कर चुके हैं.
बॉक्सर विमल पुनेरा को प्रोफेशनल बॉक्सिंग में नंबर 1 की रैंकिंग हासिल हैं और दुनिया में 400 की रैंकिंग प्राप्त हैं. 400 की रैंकिंग में दुनिया के मशहूर बॉक्सर जापान के इनोवा नोवे, फिलीपींस के जरविंन अनकाहस जैसे बॉक्सर हैं. पुनेरा प्रोफेशनल बॉक्सिंग में 52 किलो ग्राम वजन वर्ग में खेलने वाले दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बॉक्सरों में शामिल हैं और अमेरिका, फिलीपींस, मलेशिया, ऑकलैंड, न्यूजीलैंड, थाईलैंड आदि देशों में कई प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं.
विमल पुनेरा बताते हैं कि मेरी मुलाकात जब से मुंबई में नवभारत टाइम्स के सम्पादक श्री सुंदरचंद ठाकुर जी से हुई, तब से जिंदगी में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है. वरिष्ठ सम्पादक श्री ठाकुर जी के सानिध्य में विमल पुनेरा ने उनके यूट्यूब चैनल माइंड फिट से सीखा कि कैसे योगा और ध्यान त्राटक के जरिये लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है.
विमल कहते हैं कि मेरे गुरु श्री ठाकुर जी ने मुझे लक्ष्य पर ध्यान फोकस करने के साथ ही शोसल मीडिया पर भी परिचित कराया और फलस्वरूप मरीन सेंटर जैसे संस्थान ने उन्हें मंजिल तक पहुंचाने के लिये साथ देने का संकल्प लिया. बॉक्सर विमल पुनेरा कहते हैं कि मेरा सपना है कि मैं 52 किलोग्राम वजन वर्ग की बॉक्सिंग प्रतियोगिता में भारत को वल्ड टाइटल बेल्ट दिलाऊँ, जो कि अबतक कोई नहीं दिला पाया है. विमल पुनेरा आगामी दिनों में मैक्सिको में होने वाली प्रतियोगिता में विश्व के बड़े दिग्गजों से दो दो हाथ करेंगे.