• About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
UK Khabar
  • होम
  • देश
  • मुंबई
    • सामाजिक संस्थाएं
  • उत्तराखंड
    • देहरादून
    • नैनीताल
    • हरिद्वार
    • अल्मोड़ा
    • चम्पावत
    • बागेश्वर
    • पिथौरागढ़
    • उधम सिंह नगर
    • पौड़ी गढ़वाल
    • टिहरी गढ़वाल
    • उत्तरकाशी
    • रुद्रप्रयाग
    • चमोली
  • अन्य राज्य
  • राजनीति
  • मनोरंजन
    • कला/संस्कृति
    • त्यौहार
    • धर्म
  • खेल
  • कारोबार
  • पर्यटन
  • जीवन शैली
    • मोबाइल/टेक्नो
    • घर-अशियाना
    • स्वास्थ्य फिटनेस
    • रसोई
    • विवाह
  • वायरल
  • गैलरी
    • फ़ोटो गैलरी
      • वीडियो गैलरी
  • शख्सियत
  • कैरियर
No Result
View All Result
  • होम
  • देश
  • मुंबई
    • सामाजिक संस्थाएं
  • उत्तराखंड
    • देहरादून
    • नैनीताल
    • हरिद्वार
    • अल्मोड़ा
    • चम्पावत
    • बागेश्वर
    • पिथौरागढ़
    • उधम सिंह नगर
    • पौड़ी गढ़वाल
    • टिहरी गढ़वाल
    • उत्तरकाशी
    • रुद्रप्रयाग
    • चमोली
  • अन्य राज्य
  • राजनीति
  • मनोरंजन
    • कला/संस्कृति
    • त्यौहार
    • धर्म
  • खेल
  • कारोबार
  • पर्यटन
  • जीवन शैली
    • मोबाइल/टेक्नो
    • घर-अशियाना
    • स्वास्थ्य फिटनेस
    • रसोई
    • विवाह
  • वायरल
  • गैलरी
    • फ़ोटो गैलरी
      • वीडियो गैलरी
  • शख्सियत
  • कैरियर
No Result
View All Result
UK Khabar
No Result
View All Result
Home मनोरंजन त्यौहार

इस महाशिवरात्रि बन रहा है विजय हासिल करने का योग

जानें ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री जी से महाशिवरात्रि के शुभ पूजा मुहूर्त और किन राशियों में बन रहे खास योग

uk khabar by uk khabar
28th February 2022
in त्यौहार, धर्म
0 0
0
इस महाशिवरात्रि बन रहा है विजय हासिल करने का योग
0
SHARES
203
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on WhatsAppPin it on PinterestShare on Telegram

महाशिवरात्रि (mahashivratri) हिन्दुओं के सबसे बड़े पर्वों में से एक है. दक्षिण भारतीय पंचांग (अमावस्यान्त पंचांग) के अनुसार माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को यह पर्व मनाया जाता है. वहीं उत्तर भारतीय पंचांग (पूर्णिमान्त पंचांग) के मुताबिक़ फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का आयोजन होता है. गौरतलब है कि पूर्णिमान्त व अमावस्यान्त दोनों ही पंचांगों के अनुसार महाशिवरात्रि एक ही दिन पड़ती है, इसलिए अंग्रेज़ी कैलेंडर के हिसाब से पर्व की तारीख़ वही रहती है. इस दिन शिव-भक्त मंदिरों में शिवलिंग पर बेल-पत्र आदि चढ़ाकर पूजा, व्रत तथा रात्रि-जागरण करते हैं. हिंदी में महाशिवरात्रि को ‘भगवान शिव की महान रात’ भी कहा जाता है.

दूसरे शब्दों में महाशिवरात्रि (mahashivratri) एक पवित्र हिंदू त्योहार है जो उपवास और ध्यान के माध्यम से जीवन और दुनिया में अंधेरे और बाधाओं पर काबू पाने के एक स्मरण के रूप में चिह्नित है. यह शुभ अवसर वह समय होता है जब भगवान शिव और देवी शक्ति की दिव्य शक्तियां एक साथ आती हैं. यह भी माना जाता है कि इस दिन ब्रह्माण्ड आध्यात्मिक ऊर्जा को आसानी से विकसित करता है.

ज्योतिषिय शास्त्र के अनुसार इस वर्ष महाशिवरात्रि पर धनिष्ठा नक्षत्र में परिघ योग रहेगा. धनुष्ठा के बाद शतभिषा नक्षत्र रहेगा. जबकि परिध योग के बाद शिव योग लगेगा. परिध योग में शत्रुओं के खिलाफ बनाई रणनीतियों में सफलता मिलती है. यानी शत्रुओं पर विजय हासिल करने के लिए इसे बहुत महत्वपूर्ण समझा जाता है.

ADVERTISEMENT

सिर्फ यही नही ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री जी का कहना है कि महाशिवरात्रि पर इस बार ग्रहों का विशेष योग बन रहा है. 12वें भाव में मकर राशि में पंचग्रही योग बनेगा. इस राशि में मंगल और शनि के साथ बुध, शुक्र और चंद्रमा रहेंगे. लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति बनी रहेगी. चौथे भाव में राहु वृषभ राशि में रहेगा, जबकि केतु दसवें भाव में वृश्चिक राशि में रहेगा.

महाशिवरात्रि के शुभ पूजा मुहूर्त

  • निशीथ काल पूजा मुहूर्त: 24:08:27 से 24:58:08 तक
  • अवधि: 0 घंटे 49 मिनट
  • महाशिवरात्रि पारणा मुहूर्त: 2, मार्च को 06:46:55 के बाद

हिन्दू पूजा पाठ में विभिन्न विधि-विधानों के साथ कई शास्त्रोक्त नियम होते हैं जिनका ज्ञान कमोबेश प्रत्येक व्रतधारियों को होता है. इसी संदर्भ में महाशिवरात्रि के शुभ पूजा मुहूर्त के बाद ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री जी, शास्त्रों द्वारा तय किए गए नियमों के बारे में बताते हुए कहते हैं, ”चतुर्दशी के पहले ही दिन निशीथव्यापिनी हो, तो उसी दिन महाशिवरात्रि मनाते हैं. रात्रि का आठवाँ मुहूर्त निशीथ काल कहलाता है. सरल शब्दों में कहें तो जब चतुर्दशी तिथि शुरू हो और रात का आठवाँ मुहूर्त चतुर्दशी तिथि में ही पड़ रहा हो, तो उसी दिन शिवरात्रि मनानी चाहिए.”

महाशिवरात्रि व्रत की पूजा-विधि

  1.  मिट्टी के लोटे में पानी या दूध भरकर, ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि डालकर ‘शिवलिंग’ पर चढ़ाना चाहिए. अगर आस-पास कोई शिव मंदिर नहीं है, तो घर में ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया जाना चाहिए.

  2. शिव पुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप इस दिन करना चाहिए. साथ ही महाशिवरात्री के दिन रात्रि जागरण का भी विधान है.

  3.  शास्त्रीय विधि-विधान के अनुसार शिवरात्रि का पूजन ‘निशीथ काल’ में करना सर्वश्रेष्ठ रहता है. हालाँकि भक्त रात्रि के चारों प्रहरों में से अपनी सुविधानुसार यह पूजन कर सकते हैं. 

शास्त्रों तथा ज्योतिष के दृष्टिकोण से महाशिवरात्रि पर्व

चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ अर्थात स्वयं शिव ही हैं. इसलिए प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि के तौर पर मनाया जाता है. ज्योतिष शास्त्रों में इस तिथि को अत्यंत शुभ बताया गया है. गणित ज्योतिष के आंकलन के हिसाब से महाशिवरात्रि के समय सूर्य उत्तरायण हो चुके होते हैं और ऋतु-परिवर्तन भी चल रहा होता है. ज्योतिष के अनुसार चतुर्दशी तिथि को चंद्रमा अपनी कमज़ोर स्थिति में आ जाते हैं. चन्द्रमा को शिव जी ने मस्तक पर धारण किया हुआ है — अतः शिवजी के पूजन से व्यक्ति का चंद्र सबल होता है, जो मन का कारक है. दूसरे शब्दों में कहें तो शिव की आराधना इच्छा-शक्ति को मज़बूत करती है और अन्तःकरण में अदम्य साहस व दृढ़ता का संचार करती है.

महाशिवरात्रि से जुडी कई पौराणिक कथाएँ

शिवरात्रि को लेकर बहुत सारी कथाएँ प्रचलित हैं. विवरण मिलता है कि भगवती पार्वती ने शिव को पति के रूप में पाने के लिए घनघोर तपस्या की थी. पौराणिक कथाओं के अनुसार इसके फलस्वरूप फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था. यही कारण है कि महाशिवरात्रि को अत्यन्त महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाता है. विशेष रूप से अच्छे पति की चाह रखनेवाली कुंवारी कन्याएं इस व्रत को ख़ास तौर से रखती हैं.

वहीं गरुड़ पुराण में इस दिन के महत्व को लेकर एक अन्य कथा कही गई है, जिसके अनुसार इस दिन एक निषादराज अपने कुत्ते के साथ शिकार खेलने गया किन्तु उसे कोई शिकार नहीं मिला. वह थककर भूख-प्यास से परेशान हो एक तालाब के किनारे गया, जहाँ बिल्व वृक्ष के नीचे शिवलिंग था. अपने शरीर को आराम देने के लिए उसने कुछ बिल्व-पत्र तोड़े, जो शिवलिंग पर भी गिर गए. अपने पैरों को साफ़ करने के लिए उसने उनपर तालाब का जल छिड़का, जिसकी कुछ बून्दें शिवलिंग पर भी जा गिरीं. ऐसा करते समय उसका एक तीर नीचे गिर गया; जिसे उठाने के लिए वह शिव लिंग के सामने नीचे को झुका. इस तरह शिवरात्रि के दिन शिव-पूजन की पूरी प्रक्रिया उसने अनजाने में ही पूरी कर ली. मृत्यु के बाद जब यमदूत उसे लेने आए, तो शिव के गणों ने उसकी रक्षा की और उन्हें भगा दिया. इस तरह निषादराज को यह एहसास हुआ कि जब अज्ञानतावश महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की पूजा का इतना अद्भुत फल है, तो समझ-बूझ कर देवाधिदेव महादेव का पूजन कितना अधिक फलदायी होगा.

महाशिवरात्रि से जुड़ी कई किंवदंतियां हैं. लिंग पुराण जैसे कई पुराणों में इसके महत्व का उल्लेख किया गया है और वे महाशिवरात्रि व्रत करने और भगवान शिव और उनके प्रतीकात्मक प्रतीकों जैसे लिंगम पर श्रद्धा करने के महत्व के बारे में विस्तार से बताते हैं. एक किंवदंती के अनुसार, इस रात को शिव ने तांडव नृत्य का प्रदर्शन किया था – सृजन और विनाश की एक शक्तिशाली और दिव्य अभिव्यक्ति. भक्त शिव भजन गाते हैं और धर्मग्रंथों का पाठ करते हैं जो प्रतीकात्मक रूप से सर्वशक्तिमान द्वारा किए गए लौकिक नृत्य का एक हिस्सा है और हर जगह उनकी उपस्थिति का जश्न मनाते हैं.

ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री जी के अनुसार महाशिवारात्रि की पूजा के छ: महत्वपूर्ण तत्व हैं जिनका उपयोग महाशिवरात्रि पूजन के दौरान निश्चित तौर पर किया जाना चाहिए. गौरतलब है कि प्रत्येक एक विशेष अर्थ का प्रतीक है.

1) शिव लिंगम का जल और दूध से स्नान और बेल के पत्तों से आत्मा की शुद्धि होती है
2) स्नान के बाद सिंदूर पुण्य का प्रतीक है.
3) पूजा करते समय चढ़ाए गए फल इच्छाओं और दीर्घायु की पूर्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं.
4) अगरबत्ती जलाना धन का प्रतीक है.
5) पान का पत्ता सांसारिक इच्छाओं से संतुष्टि दर्शाते हैं.
6) दीपक को जलाना ज्ञान और बुद्धिमानी की प्राप्ति का प्रतीक है.

ज्योतिष सेवा केन्द्र
ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री
09594318403/09820819501
email.panditatulshastri@gmail.com

Tags: Mahashivratri
ADVERTISEMENT
Previous Post

पत्रकार किशोर ह्यूमन की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन

Next Post

सट्टेबाज लगा रहे हैं दांव, उत्तराखंड में भाजपा सरकार!

uk khabar

uk khabar

Next Post
योगी-धामी की बैठक में 21 सालों से लंबित प्रकरण चुटकी में हल

सट्टेबाज लगा रहे हैं दांव, उत्तराखंड में भाजपा सरकार!

website designer in navi mumbaiwebsite designer in navi mumbaiwebsite designer in navi mumbai
  • Trending
  • Comments
  • Latest
वैदिक मंत्रोच्चार व विधि विधान के साथ खुले बद्रीनाथ के कपाट

वैदिक मंत्रोच्चार व विधि विधान के साथ खुले बद्रीनाथ के कपाट

4th May 2025
उत्तराखंडी फिल्म ‘मेरी प्यारी बोई’ मुंबई में री लॉन्च

उत्तराखंडी फिल्म ‘मेरी प्यारी बोई’ मुंबई में री लॉन्च

17th September 2024
कुशल संचालन से उत्तराखंडी कार्यक्रमों को नई उड़ान दे रहीं आरजे आरती सजवाण

कुशल संचालन से उत्तराखंडी कार्यक्रमों को नई उड़ान दे रहीं आरजे आरती सजवाण

7th April 2025
उत्तराखंड की खोज के नायक दून एक्सप्रेस में निभाएंगे प्रिंसिपल की भूमिका

उत्तराखंड की खोज के नायक दून एक्सप्रेस में निभाएंगे प्रिंसिपल की भूमिका

5th April 2025
वैदिक मंत्रोच्चार व विधि विधान के साथ खुले बद्रीनाथ के कपाट

वैदिक मंत्रोच्चार व विधि विधान के साथ खुले बद्रीनाथ के कपाट

4th May 2025
उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा शुरू

उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा शुरू

1st May 2025
रजिस्ट्रेशन के बाद ही चार धाम यात्रा पर उत्तराखंड आएं श्रद्धालू

रजिस्ट्रेशन के बाद ही चार धाम यात्रा पर उत्तराखंड आएं श्रद्धालू

9th April 2025
धामी सरकार के तीन साल बेमिसाल पर मुंबई में भेंट की गई भिटौली

धामी सरकार के तीन साल बेमिसाल पर मुंबई में भेंट की गई भिटौली

7th April 2025

Recent News

वैदिक मंत्रोच्चार व विधि विधान के साथ खुले बद्रीनाथ के कपाट

वैदिक मंत्रोच्चार व विधि विधान के साथ खुले बद्रीनाथ के कपाट

4th May 2025
उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा शुरू

उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा शुरू

1st May 2025
रजिस्ट्रेशन के बाद ही चार धाम यात्रा पर उत्तराखंड आएं श्रद्धालू

रजिस्ट्रेशन के बाद ही चार धाम यात्रा पर उत्तराखंड आएं श्रद्धालू

9th April 2025
धामी सरकार के तीन साल बेमिसाल पर मुंबई में भेंट की गई भिटौली

धामी सरकार के तीन साल बेमिसाल पर मुंबई में भेंट की गई भिटौली

7th April 2025
UK Khabar

उत्तराखण्डी प्रवासियों व उत्तराखंड की तमाम सामाजिक, सांस्कृतिक गतिविधियों की खबरों को जन जन तक पहुंचाने UKKhabar का निर्माण किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से उत्तराखंड व उत्तराखंडी जनमानस से जुड़ी सामाजिक, सांस्कृतिक व अन्य समाचारों को आप तक पहुंचाने का प्रयास होगा।

Follow Us

वर्गानुसार खोजें

  • Uncategorized
  • अन्य राज्य
  • अल्मोड़ा
  • उत्तरकाशी
  • उत्तराखंड
  • उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022
  • उधम सिंह नगर
  • कला/संस्कृति
  • कारोबार
  • कैरियर
  • खेल
  • गैलरी
  • चमोली
  • चम्पावत
  • जीवन शैली
  • टिहरी गढ़वाल
  • त्यौहार
  • देश / विदेश
  • देहरादून
  • धर्म
  • नैनीताल
  • पर्यटन
  • पिथौरागढ़
  • पौड़ी गढ़वाल
  • फ़ोटो गैलरी
  • बागेश्वर
  • मनोरंजन
  • मुंबई
  • मोबाइल/टेक्नो
  • रसोई
  • राजनीति
  • रुद्रप्रयाग
  • वायरल
  • विवाह
  • वीडियो गैलरी
  • शख्सियत
  • सामाजिक संस्थाएं
  • स्वास्थ्य फिटनेस
  • हरिद्वार
  • होम

नवीनतम समाचार

वैदिक मंत्रोच्चार व विधि विधान के साथ खुले बद्रीनाथ के कपाट

वैदिक मंत्रोच्चार व विधि विधान के साथ खुले बद्रीनाथ के कपाट

4th May 2025
उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा शुरू

उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा शुरू

1st May 2025
रजिस्ट्रेशन के बाद ही चार धाम यात्रा पर उत्तराखंड आएं श्रद्धालू

रजिस्ट्रेशन के बाद ही चार धाम यात्रा पर उत्तराखंड आएं श्रद्धालू

9th April 2025
धामी सरकार के तीन साल बेमिसाल पर मुंबई में भेंट की गई भिटौली

धामी सरकार के तीन साल बेमिसाल पर मुंबई में भेंट की गई भिटौली

7th April 2025
  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

© 2020 UK Khabar Designed by Saral Infosoft.

No Result
View All Result
  • होम
  • देश
  • मुंबई
    • सामाजिक संस्थाएं
  • उत्तराखंड
    • देहरादून
    • नैनीताल
    • हरिद्वार
    • अल्मोड़ा
    • चम्पावत
    • बागेश्वर
    • पिथौरागढ़
    • उधम सिंह नगर
    • पौड़ी गढ़वाल
    • टिहरी गढ़वाल
    • उत्तरकाशी
    • रुद्रप्रयाग
    • चमोली
  • अन्य राज्य
  • राजनीति
  • मनोरंजन
    • कला/संस्कृति
    • त्यौहार
    • धर्म
  • खेल
  • कारोबार
  • पर्यटन
  • जीवन शैली
    • मोबाइल/टेक्नो
    • घर-अशियाना
    • स्वास्थ्य फिटनेस
    • रसोई
    • विवाह
  • वायरल
  • गैलरी
    • फ़ोटो गैलरी
      • वीडियो गैलरी
  • शख्सियत
  • कैरियर

© 2020 UK Khabar Designed by Saral Infosoft.

Login to your account below

Forgotten Password?

Fill the forms bellow to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In