घनसाली. भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन द्वारा लगातार महाविद्यालयों में पढ़ रहे छात्र छात्राओं को पदोन्नत करने की मांग की गई है. आज 27 मई 2020 को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन प्रदेश सचिव नित्यानन्द कोठियाल द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसके कारण अभी कॉलेजों का खुलना संभव नहीं है. विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले कई छात्र दुर्गम क्षेत्रों व कई अन्य राज्यों से भी आते हैं, यदि परीक्षा करवाई जाती है तो इससे छात्रों को भी बेवजह संक्रमण का सामना करना पड़ेगा.
इससे पूर्व संगठन द्वारा मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार, उच्च शिक्षा मंत्री व विश्वविद्यालयों के कुलपति को भी ज्ञापन के माध्यम से अपनी मांग रखी गई, लेकिन अभी तक परीक्षाओं के संबंध में किसी भी विश्वविद्यालय द्वारा कोई भी स्पष्ट आदेश नहीं निकाला गया है, जिससे छात्र छात्राएं असमंजस की स्थिति में हैं भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन मांग करता है कि
- प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं को परीक्षा बिना ही अगली कक्षा में पदोन्नत किया जाना चाहिए पाठ्यक्रम के लिए छूटी हुई अतिरिक्त कक्षाएं महाविद्यालय को खुलने के बाद संचालित की जानी चाहिए.
- साथ ही अंतिम वर्ष के छात्र छात्राओं को 10% अतिरिक्त अंकों के साथ पिछले प्रदर्शन के आधार पर पदोन्नत किया जाना चाहिए क्योंकि यह देखा जाता है कि छात्र-छात्राएं अंतिम वर्ष में अपने प्रदर्शन में सुधार करते हैं.
- वर्तमान समय की परिस्थितियों को देखते हुए एक समेस्टर का शुल्क माफ किया जाना चाहिए.
- बिना बुनियादी ढांचे व कनेक्टिविटी के अत्यधिक असमान पहुंच को देखते हुए ऑनलाइन परीक्षा नहीं करवाई जानी चाहिए.
शिक्षा मंत्री के ताजा बयान का विरोध
एनएसयूआई के प्रदेश सचिव नित्यानन्द कोठियाल ने कहा कि शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के ताजा बयान, 1 जुलाई से परीक्षा करवाने की बात का एनएसयूआई पूर्ण विरोध करती है. कोठियाल ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री जी का बयान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के परीक्षा करवाने की मांग से प्रेरित नजर आता है, जिसका प्रदेशभर में एनएसयूआई विरोध कर रही है और आने वाले दिनों में उच्च शिक्षा मंत्री को पूरे प्रदेश भर के छात्र छात्राओं द्वारा अपनी मांग को लेकर 50 हजार पोस्ट कार्ड भेजे जाएंगे.