देहरादून. उत्तराखंड में UKSSSC भर्ती घोटाले (UKSSSC Recruitment Scams) और विधानसभा में हुई नियुक्तियों को लेकर मचे घमासान के बीच पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया प्रतिनिधियों से खुलकर अपनी बात रखी है. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पारदर्शिता है, यह सिर्फ कहने के लिए नहीं होनी चाहिए, जनता को पारदर्शिता दिखनी भी चाहिए.
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत (Former Chief Minister Trivendra Singh Rawat) ने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा में जो भर्तियों की बात सामने आई है यह उनके मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद की हैं. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उस समय इन भर्तियों की फाइल लम्बे समय से घूम रही थी, लेकिन मैंने इस पर नोट लगा दिया था कि जो भी भर्ती की जाए वह आयोग के माध्यम से ही कराई जाए. लेकिन तब मार्च में मैं हट गया और अब समाचार पत्रों के माध्यम से पता चल रहा है कि वहां तथाकथित रूप से अपने अपनों को नौकरियां दी गई हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, लेकिन एक बात मैं सैद्धांतिक तौर पर जरूर कहना चाहूंगा कि कोई भी नियुक्ति हो, उसमें सभी राज्यवासियों का समान अधिकार है और उसमें पारदर्शिता का ख्याल रखा जाना चाहिए. रावत ने कहा, चाहिए राष्ट्रपति भवन हो या राजभवन जहां जहां की नौकरी में सरकारी पैसा जाता है उस पैसा का ठीक से इस्तेमाल होना चाहिए. नियुक्तियों में मर्यादाओं का ध्यान रखना चाहिए. पूर्व सीएम ने कहा, जनता का विश्वास जीत कर कोई विधायक बनता है और जनता का विश्वास बरकरार रखना विधायिका का काम है.
रावत ने कहा कि पारदर्शिता केवल कहने के लिए है, वह जनता को दिखना भी चाहिए. उन्होंने कहा, राज्य की नौकरियां स्थाई हों या संविदा की हों या इंटेलेक्चुअल की हों, सभी के लिए एक सिस्टम है और उस सिस्टम को फालो किया जाना जरूरी है. पूर्व मुख्यमंत्री ने पूर्व विधानसभा अध्यक्षों के बयान पर भी उन्हें जमकर घेरा है. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद कुंजवाल (Former Assembly Speaker Govind Kunjwal) के इस बयान पर कि हां मैंने अपनों को लगाया, को लेकर रावत ने कहा कि यह उचित नहीं है. इसे कोई भी संविधान का ज्ञाता इसे उचित नहीं कह सकता.
युवाओं के सामने गलत मैसेज डाल रहे पूर्व विस अध्यक्ष
पूर्व मुख्यमंत्री ने विस अध्यक्ष रहे प्रेमचंद अग्रवाल (Premchand Agarwal) को लेकर भी पूछे गए पत्रकारों के सवाल पर भी कहा कि उनका बयान भी उचित नहीं है कि पिछले ने जो किया वही हमने भी किया, यह कहना ठीक नहीं है. रावत ने कहा कि केंद्र की कांग्रेस सरकार ने अगर बोफोर्स घोटला किया तो क्या केंद्र की भाजपा सरकार भी यह कह देती कि कांग्रेस ने किया तो हम भी करेंगे. बिल्कुल ऐसा बयान उत्तराखंड राज्यहित के लिए दुर्भाग्यजनक है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे बयान से हम समाज में युवाओं के सामने गलत मैसेज डाल रहे हैं. उन्होंने कहा, ऐसे में तो कल घूस देकर भर्ती होने वाले बच्चे भी बोल दें कि हम पैसा देकर भर्ती हुए हैं तो हम भी घूस लेंगे. ऐसे में तो यह भ्रष्टाचार का दीमक राज्य को खोखला कर देगा. इस तरह के बयान कतई उचित नहीं हैं.
अपने कार्यकाल के बारे में बताते हुए त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि हमने कोशिश की कि भाई-भातीजावाद से ऊपर उठकर राज्यहित के लिए कार्य हों, क्योंकि मैं समझता हूं कि जो भी जनप्रतिनिधि हैं वे परिवार के नहीं जनता के प्रतिनिधि हैं इसलिए जनता के हित सर्वोपरि हैं. रावत के इस धमाकेदार साक्षात्कार के बाद राज्य की धामी सरकार के मंत्रियों की कार्यप्रणाली और मनमानी पर चर्चा तेज होने के आसार बन गए हैं. टीवी चैनलों का दिया गया यह साक्षात्कार पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने अपने शोसल मीडिया पर भी पोस्ट किया है.