उत्तराखंड. अपने गीतों पर स्रोताओं को झुमा देने वाले गढ़वाली गायक धूमसिंह रावत (Dhum Singh Rawat) इस बार अपने गीत पर खुद ही चक्कर में फंस गए हैं. धूमसिंह रावत हाल ही उनके सोशल मीडिया पर जारी गीत गढ़वाली जैंती को लेकर विवादों में हैं. हालांकि सोशल मीडिया में उठे विरोध के बाद धूमसिंह रावत ने सोशल मीडिया और यूट्यूब से इस गीत को हटा दिया है.
धूमसिंह रावत ने भले अब यह गीत डिलिट कर दिया है लेकिन धूमसिंह रावत व रजि फिल्मस स्टूडियो के खिलाफ मामला शांत होता दिख नहीं रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में अब भीम आर्मी भी सक्रिय हो गई है और यह मामला जल्द अनुसूचित जाति आयोग तक ले जाने की तैयारी की जा रही है.
बताया गया है कि धूमसिंह रावत ने जहां गीत में अनुसूचित जाति के एक वर्ग की भावनाएं आहत की हैं, वहीं गायक रावत ने एक चैनल की लाइव डिबेट में भी जाति सूचक शब्दों को इस्तेमाल किया है. इस संदर्भ में गायक धूमसिंह रावत से बात की गई तो उन्होंने कहा मेरा इस गीत के जरिए लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई उददेश्य नहीं था और इस गीत को अब जब हटा दिया गया है तो विवाद का कोई औचित्य नहीं है.