देहरादून. शुक्रवार को पूर्वाहन 11.30 बजे वन मंत्री सुबोध उनियाल (Forest Minister Subodh Uniyal) जी द्वारा प्रमुख वन संरक्षक (HoFF) एवं सम्बन्धित वन संरक्षकों व प्रभागीय वनाधिकारियों के साथ क्रीड़ा- जड़ी (Himalayan Viagara), जो उत्तराखण्ड राज्य की अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं कीमती जड़ी-बूटी है के संग्रहण एवं विदोहन की समीक्षा की गई.
बैठक में निदेशक, नन्दा देवी पार्क, वन संरक्षक, उत्तरी कुमाऊं, गढ़वाल वृत्त, भागीरथी वृत्त के साथ प्रभागीय वनाधिकारी, पिथौरागढ़, चम्पावत बागेश्वर, केदारनाथ, बद्रीनाथ, रूद्रप्रयाग द्वारा प्रतिभाग किया गया.
अनूप मलिक, प्रमुख वन संरक्षक (HOFF ) द्वारा वर्तमान शासनादेश के परिपेक्ष्य में फील्ड स्तर पर अपेक्षित कार्यवाही के सम्बन्ध में अवगत कराते हुए इस कार्य में अत्यधिक सतर्कता बरते जाने की आवश्कता बतायी गयी, क्योंकि संग्रहण अवधि मुख्यतः मई-जून में ही होती है. उन्होंने कीड़ा जड़ी क्षेत्रों के सर्वेक्षण एवं सूचीकरण पर विशेष बल दिया.
वन मंत्री जी द्वारा स्थानीय नागरिकों की सहभागिता, पंजीकरण के साथ-साथ विपणन में पारदर्शिता लाने के निर्देश दिये गये. वर्तमान प्रवृत्त के सम्बन्ध में यथा आवश्यक संशोधन के सम्बन्ध में समग्र तौर पर चर्चा हुई. शासनादेश के संबंध में यथा आवश्यक संशोधन के सम्बन्ध में समग्र तौर पर चर्चा हुई.
ऐसे वन प्रभाग जहां पर कीड़ा जड़ी पाई जाती हो, लेकिन कार्ययोजना में इसका उल्लेख नहीं है, तो उन वन प्रभागों की कार्य-योजना में कीड़ा जड़ी कार्यों / क्षेत्रों का समावेश किया जाय. राज्य की आर्थिकी के संदर्भ में कीड़ा जड़ी के कालाबाजारी पर रोकथाम हेतु प्रभावी कदम उठाने हेतु वन मंत्री जी द्वारा निर्देशित किया गया.