घनसाली। उत्तराखंड सरकार आगामी 9 नवंबर को राज्य स्थापना के 25 साल पूरे होने पर जहां रजत जयंती समारोह मनाने की तैयारी में जोर-शोर से जुटी है, वहीं इस ढाई दशक में भी टिहरी जनपद के घनसाली विधानसभा क्षेत्र में बदहाल होती जा रही स्वास्थ्य व्यवस्था के खिलाफ घनसाली की जनता ‘घनसाली स्वास्थ्य जन संघर्ष मोर्चा’ के बैनर तले 25 अक्टूबर 2025 से अनिश्चितकालीन धरना दे रही है।
भाजपा सरकार द्वारा उत्तराखंड के विकास के निरंतर दावों के बीच, घनसाली विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा नहीं होने से 40 दिन के अंदर दो महिलाएं दम तोड़ चुकी हैं। पहले अनीशा रावत, फिर पूरब सिंह और हाल ही में 22 वर्षीय रवीना कठैत की मौत के बाद अब यहां जनता सड़कों पर है।
पिलखी अस्पताल में पिछले 25 अक्टूबर से दिन-रात अनिश्चितकालीन धरने के बावजूद स्थानीय सांसद माला राजलक्ष्मी शाह (Mala rajlaxmi shah) और विधायक शक्तिलाल शाह (shaktilal shah) क्षेत्र से गायब हैं। पिलखी और बेलेश्वर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की आवाज बुलंद कर रहे स्वास्थ्य जन संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष संदीप आर्य (Sandeep Arya), नैलचामी के चकरेड़ा से जिला पंचायत सदस्य अनुज शाह, हिंदाव से जिला पंचायत सदस्य विक्रम सिंह घनाता, सामाजिक कार्यकर्ता विनोदलाल शाह, लोकगायक शांति श्रीवाण, क्षेत्र पंचायत सदस्य पिंकी देवी, उक्रांद की नेत्री सुनीता रावत आदि के नेतृत्व में चल रहे अनिश्चितकालीन धारने के आठवें दिन बड़ी संख्या में लोगों ने इगास पर्व पर सांसद माला राजलक्ष्मी शाह, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत और विधायक शक्तिलाल शाह के पुतले का दहन किया।
जन संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष संदीप आर्य ने कहा कि घनसाली विधानसभा की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के साथ ही यहां से लगातार प्रतिनिधित्व कर रहे सांसद विधायक जिम्मेदार हैं। संदीप आर्य ने कहा यहां हमारी बहनें प्रसव के दौरान अकाल मृत्यु के गाल में समा रही हैं और हमारे सांसद विधायक क्षेत्र की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं हैं। इसलिए घनसाली विधानसभा क्षेत्र की जनता ने आज इगास के पर्व पर इन अकर्मण्य सांसद और विधायक का पुतला दहन कर अपना आक्रोश व्यक्त किया है।
इस मौके पर आंदोलन के नेतृत्व कर रहे अनुज शाह, विनोद लाल शाह ने भी कहा कि यह अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक घनसाली की स्वास्थ्य व्यवस्था में धरातल पर सकारात्मक परिणाम नजर नहीं आते। आंदोलन के अग्रणी नेता विक्रम घनाता ने कहा कि रवीना, अनीशा और पूरब सिंह के परिवार को सरकार को मुआवजा देना होगा। घनाता ने कहा सरकार घनसाली विधानसभा में अतिशीघ्र उपजिला अस्पताल बनाने का शासनादेश जारी करे और रवीना की मौत के लिए जिम्मेदार पिलखी अस्पाताल के कर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की करे। पुतला दहन कार्यक्रम में मोर्चे के संयोजक अजय कंसवाल, पूर्व प्रमुख धनीलाल शाह. प्यार सिंह पंवार, हरीश रावत, विनोद चौधरी, समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
आंदोलनकारियों ने एक बार फिर अपनी मांगें दोहराते हुए कहा कि सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिलखी (Primary Health Center Pilkhi) को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेलेश्वर (Community Health Center Beleshwar) को उपजिला अस्पताल (Sub District Hospital) बनाए, दोनों अस्पतालों में स्थाई डॉक्टरों की तैनाती, चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता कराए। स्थानीय नेताओं ने भी इस आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा है कि जब तक स्वास्थ्य सेवा सुधार नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। मोर्चे के संयोजक अजय कंसवाल ने बताया कि हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने जन दबाव के बीच सुधार के संकेत देते हुए क्षेत्र में कुछ चिकित्सकों की तैनाती की है, लेकिन प्रदर्शनकारी आग्रह कर रहे हैं कि यह अस्थाई नहीं, बल्कि स्थाई व्यवस्था होनी चाहिए।












