नईटिहरी. टिहरी के विधायक धन सिंह नेगी ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाये हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन में बाहरी प्रदेशों और राज्य के विभिन्न जिलों से प्रवासी गांव पहुंचकर क्वारंटीन हो रहे हैं. लेकिन क्वारंटीन अवधि पूरे होने के बाद भी क्वारंटीन किए गए लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण और प्रमाणपत्र नहीं दिए जा रहे हैं. कई क्वारंटीन सेंटरों में प्रवासियों का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हो रहा है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग दो माह बाद भी वैंटिलेटर नहीं खरीद पाया है.
स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे कर्मियों के पास नहीं सुरक्षा किट
टिहरी विधायक श्री धनसिंह नेगी ने कहा कि कई क्वारंटीन सेंटरों में स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे फार्मासिस्ट, एएनएम, आशा कार्यकर्ता के पास ग्लब्स, मास्क, सैनिटाइजर भी नहीं है. जिससे वह परेशानियों से जूझ रहे हैं. जिले के क्वारंटीन सेंटर मठियाली, गडूगाड, पिपोला, दणोणी, बुडोगी सहित जिले के कई क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे लोगों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हो रहा है.
क्वारंटीन की अवधि पूरी करने वालों को नहीं मिल रहे फिटनेस प्रमाणपत्र
विधायक श्री नेगी ने कहा कि क्वारंटीन की अवधि पूरे करने वाले लोगों को स्वास्थ्य जांच का प्रमाणपत्र नहीं दिए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अधिकांश जगहों से शिकायत आ रही है कि होम क्वारंटीन से लेकर संस्थागत में रखे गए लोगों का क्वारंटीन पीरियड पूरा होने के बाद उन्हें फिटनेशन सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा है. यही नहीं कई केंद्रों से क्वारंटीन में रखे लोगों को वाहनों में भरकर स्वास्थ्य विभाग के कार्मिक सुविधानजक स्थान पर जांच को बुला रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर उठाए सवाल
- विधायक नेगी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि स्वास्थ्य की लापरवाही के चलते दो माह बाद भी वैंटिलेटर की खरीद नहीं हो पाई है.
- उन्होंने आरोप लगाया कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से निपटने के लिए कार्य कर रहे फार्मासिस्ट, एएनएम, आशा, आंगनबाडी कार्यकर्ता के पास मास्क, हैंड सैनिटाइजर, ग्लब्स, पीपीई किट आदि नहीं है. जिससे उन्हें परेशानियां उठानी पड़ रही है.
- विधायक नेगी ने कहा कि सीएमओ को कई बार निर्देश देने पर भी कार्य शैली में सुधार नहीं हो रहा है.
- लॉकडाउन के पहले चरण में ही विधायकों, सांसदों से लेकर स्वयंसेवी संस्थाओं स्वास्थ्य विभाग को धनराशि उपलब्ध करवाई थी. कहा कि स्वास्थ्य विभाग जल्द समस्याओं को दूर नहीं करता है, तो शासन को शिकायत की जाएगी.