नवी मुंबई. कोरोना संकट खत्म होने के बाद एक बार फिर उत्तराखंड की ईष्ट देवी राजराजेश्वरी मां नंदादेवी लोकजात यात्रा का भव्य आयोजन किया जा रहा है. मां नंदा देवी गुरुवार को बेलापुर में अपने भक्तों को दर्शन देंगी.
मां नंदादेवी लोकजात यात्रा गुरुवार को सुबह 9.30 बजे बेलापुर रज्जू भवन, सेक्टर 8 से निकाली जाएगी. श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मां नंदादेवी डोली-छंतोली, कलश यात्रा के साथ देवभूमि जय मां नंदादेवी चेरिटेबल ट्रस्ट (रजि) बेलापुर, मंदिर परिसर में विराजित होगी और पूजापाठ के बाद दोपहर 3 बजे अपने अगले पड़ाव बद्रीनाथ मंदिर वसई (Badrinath Temple Vasai) के लिए रवाना होगी.
धनीप्रसाद देवराड़ी के तत्वावधान में नंदादेवी लोकजात यात्रा (Nanda Devi Lokjat Yatra) गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़ से होते हुए उत्तराखंड के वेदनी से कैलाश विदाई के साथ 3 सितंबर को संपन्न होगी. बता दें कि उतराखंड के चमोली जिले में हर साल नंदादेवी लोकजात यात्रा का आयोजन किया जाता है, जबकि 12 साल में नंदादेवी राजजात (Nanda Devi rajjat) का एतिहासिक आयोजन किया जाता है.
श्री धनीप्रसाद देवराड़ी के नेतृत्व में निकाली जा रही प्रतीकात्मक नंदादेवी लोकजात यात्रा का अगला पड़ाव गुरुवार 18 अगस्त को बद्रीनाथ मंदिर वसई मुंबई में है, जहां रात्रि विश्राम व पूजा अर्चना के बाद 19 अगस्त को गुजरात के अहमदाबाद के लिए रवाना होगी.
20 अगस्त को अहमदाबाद में आरती के बाद बड़ौदा में दोपहर बाद 3 बजे शोभा यात्रा के साथ नंदादेवी की डोली राजस्थान के उदयपुर के लिए निकलेगी. 21 अगस्त को उदयपुर में और 22 अगस्त को उदयपुर में सुबह की आरती के बाद 1 बजे जोधपुर के लिए मां नंदा प्रस्थान करेंगी. रात्रि विश्राम जोधपुर में होने के बाद यहां 23 अगस्त को भव्य शोभा यात्रा के बाद शाम 7 बजे यह लोकजात यात्रा अजमेर में रात्रि विश्राम के लिए प्रस्थान करेगी. 24 अगस्त को अजमेर में मां नंदा अपने भक्तों को दर्शन देकर दोपहर बाद 2 बजे अपने अगले पड़ाव जयपुर के लिए प्रस्थान करेंगी. 25 अगस्त को जयपुर में मां नंदा की भव्य शोभा यात्रा के रूप में जयपुर के प्रवासी अगले पड़ाव आगरा के लिए विदाई देंगे. 26 अगस्त को उत्तर प्रदेश के आगरा में शोभायात्रा, पूजा अर्चना के बाद दोपहर 1 बजे मां नंदा गुड़गांव हरियाणा में रात्रि विश्राम के लिए प्रस्थान करेंगी. 27 अगस्त को गुड़गांव में मां नंदा देवी मंदिर में पूजा अर्चना होगी और इसी दिन अपने अगले पड़ाव चंडीगढ़ के लिए लोकजात यात्रा रवाना होगी. 28 अगस्त को मां नंदा देवी की लोकजात यात्रा की प्रतीकात्मक डोली और छंतोली चंडीगढ़ में अपने भक्तों को दर्शन देकर रात 9 बजे हरिद्वार के लिए निकलेगी. जहां फिर अगले दिन मां नंदा की हर साल होने वाली मुख्य लोकजात यात्रा के साथ शामिल होगी. यहां से मां नंदा की लोकजात यात्रा वाण और वाण से गैरोली पताल और 3 सितंबर 2022 को सुबह 8 बजे वैदनी में मां नंदा की कैलाश विदाई के साथ यात्रा का समापन होगा और मां नंदा की डोली 6 माह के लिए देवराड़ा मंदिर में विराजमान होंगी.
उल्लेखनीय है कि चमोली जिले के श्री धनीप्रसाद देवराड़ी (Dhaniprasad Devradi) वर्ष 2012 से लगातार देश के विभिन्न महानगरों व शहरों में बसे उत्तराखंडियों को देवभूमि की अधिष्ठात्री मां नंदा का दर्शन दिलाने मां नंदादेवी लोकजात यात्रा का आयोजन कर रहे हैं. चमोली जनपद के कुरुड़ के कोट भ्रामरी से श्री धनीप्रसाद देवराड़ी के नेतृत्व में यह दल प्रतीकात्मक नंदा डोली और राजजात में शामिल होने वाली छंतोली के साथ एक बार फिर यात्रा के लिए उत्तराखंड के सुदूर क्षेत्र से अनेक राज्यों व महानगरों में उत्तराखंड की सांस्कृतिक परंपरा का प्रचार प्रसार करने प्रवासियों की बीच है. श्री धनीप्रसाद देवराड़ी ने विभिन्न राज्यों में रहने वाले मां नंदा के भक्तों से इस आयोजन में शामिल होकर मां का दर्शनलाभ लेने की अपील की है.