मुंबई. मुंबई के इस्कॉन सभागृह (जुहू) में प्रवासी उत्तराखंडियों के सामाजिक संगठन कौथिग फाउंडेशन के संस्थापक व संयोजक श्री केशरसिंह बिष्ट जी को उत्तराखंड आईकान अवार्ड से सम्मानित किया गया. राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान मुकम्मल करने वाली उत्तराखंडी शख्सियतों का सम्मान इस समारोह में किया गया.
उत्तराखंड आईकान अवार्ड से सम्मानित किए गए वरिष्ठ पत्रकार श्री केशरसिंह बिष्ट जी ने मुंबई के उपनगर ठाणे के बेदांत मैदान से 2008 में मुंबई कौथिग की शुरुआत की और फिर उत्तराखंड भवन भूमि वाशी के बाद अब नेरूल के नवीमुंबई में यह आयोजन हर साल जनवरी में बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाता है.
मुंबई में प्रवासियों की पहचान की गढ़ी नई तस्वीर
श्री केशरसिंह बिष्ट जी के नेतृत्व में कौथिग फाउंडेशन के आयोजन में भारी संख्या में महाराष्ट्र, उत्तराखंड की शख्सियतों के अलावा जन्मभूमि के कौने कौने से जनप्रतिनिधि, लोक कलाकार मुंबई कौथिग का हिस्सा बनते हैं. मुंबई के कौथिग मंच पर पिछले 13 सालों में उत्तराखंड के लगभग 10000 लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियां दे चुके हैं. श्री केशरसिंह बिष्ट जी के नेतृत्व में प्रवासी उत्तराखंडियों के सांस्कृतिक महोत्सव कौथिग के जरिए मुंबई के प्रवासियों ने अपनी पहचान की नई तस्वीर गढ़ी है.
टीम कौथिग में जश्न
वरिष्ठ पत्रकार श्री केशरसिंह बिष्ट जी को उत्तराखंड आईकान अवार्ड के सम्मान से नवाजे जाने पर मुंबई की तमाम सामाजिक संस्थाओं और प्रवासियों ने खुशी जाहिर की है. टीम कौथिग के अग्रकर्ता श्री बिष्ट जी को उत्तराखंड अवार्ड मिलने पर कौथिग फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष डा. योगेश्वर शर्मा, कौथिग फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री हीरासिंह भाकुनी, उद्योगपति श्री गिरवीर नेगी, उद्योगपति श्री नरेंद्र जोशी, भवन निर्माता श्री माधवानंद भट्ट, उद्योगपति श्री सुरेश राणा, कौथिग फाउंडेशन के महासचिव श्री तरुण चौहान, कौथिग फाउंडेशन के सांस्कृतिक निर्देशक श्री सुरेंद्र बिष्ट, टीम कौथिग के श्री मनोज भट्ट, श्री ज्योति राठौर, श्री महिपाल नेगी, श्री दिनेश बिष्ट, श्री जगजीवन कन्याल, श्री अनिल बिंजोला, श्री प्रकाश चंद, श्री सुरेश काला, श्री विनोद भट्ट, श्री दीपक भट्ट, गोविंद आर्य, श्री लक्ष्मण नेगी, श्री बलवंत पवार, श्री रूपलाल, श्री रणजीत बिष्ट, श्री प्रदीप जखमोला, श्री महेद्र मेहरा, श्री विजय नारियल, श्री प्रवीण ठाकुर आदि ने खुशी व्यक्त की ही.
हमारे लीडर के सम्मान से हमें मिलेगी नई ताकत : सुशील कुमार जोशी
कौथिग फाउंडेशन के संयोजक केशरसिंह बिष्ट जी को सम्मानित किए जाने पर कौथिग फाउंडेशन के कार्याध्यक्ष श्री सुशील कुमार जोशी ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा है कि हमारे लीडर श्री बिष्ट जी को यह सम्मान मिलने से हमें उत्तराखंड की लोक संस्कृति और उत्तराखंडी की पहचान को और पुख्ता करने की ताकत मिलेगी. श्री सुशील कुमार जोशी ने कहा कि मुंबई में उत्तराखंडियों की जो पहचान जो सिर्फ भोलेभाले साधारण काम करने के रूप में थी, उसे श्री बिष्ट जी के नेतृत्व में कौथिग फाउंडेशन ने बदल कर अब सशक्त समाज के रूप में खड़ी कर दी है. श्री बिष्ट जी ने कौथिग के मंच पर समाज के सितारों को अपनों के बीच लाकर प्रवासियों को यह परिचय कराया है कि हमारा समाज आज मुंबई में किन बुलंदियों को छू रहा है. श्री जोशी जी ने कौथिग टीम के लीडर को सम्मानित करने के लिए अवार्ड आयोजकों का भी आभार व्यक्त किया है.
टीम कौथिग और प्रवासी संस्थाओं को समर्पित किया अवार्ड
आप भी पढ़ें श्री बिष्ट जी ने कैसे व्यक्त की अपनी भावनाएं…..
#कल_और_आएंगे_नग़मों_की
#खिलती_कलियाँ_चुननेवाले,
#मुझसे_बेहतर_कहनेवाले,
#तुमसे_बेहतर_सुननेवाले.
इन पंक्तियों के साथ अपनी बात शुरू कर रहा हूँ. कल इस्कॉन सभागृह (जुहू) में उन शख्सियतों के बीच सम्मानित हुआ, जिन्होंने राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान मुकम्मल की है और अपनी विधा को नए मुकाम पर पहुंचाया है. इन सम्मानित शख्सियतों में अधिकांश फ़िल्म जगत से थीं.
#अच्छा लगा सम्मानित होना. भला किसे नहीं लगता !
…पर बात इससे आगे की है. बात इस #बात की है कि आपको एक ऐसे प्रयास के लिए सम्मानित किया गया जिसकी #धमक उत्तराखंड समाज से इतर भी महसूस की जा रही है और इस धमक को दूर तक पहुंचाने की कड़ी में आप-मैं सब शामिल हैं.
निसंदेह #कौथिग_फाउंडेशन की उत्तराखंड समाज को सशख़्त साबित करने की अथक कोशिश में सम्पूर्ण समाज की जबर्दस्त भागीदारी रही है, अतः यह सम्मान #TeamKauthig के समर्पित साथियों के साथ-साथ सामाज के हर उस शख्स को समर्पित है, जिसने एक पल भी हमें अकेला नहीं छोड़ा और समाज निर्माण की दिशा-दशा तय करने में सक्रिय हिस्सेदारी निभाई.
आप सभी का तह-ए-दिल से आभार !
शेष, यह सम्मान मुंबई की उन सभी संस्थाओं को भी समर्पित है, जो अपने-अपने स्तर उत्तराखंडी समाज की तस्वीर को संवारने में अपनी सशख़्त ज़िम्मेदारी निभा रही हैं.
हम शिद्दत से महसूस करते हैं कि हम #अकेले नहीं, आप सब इस अभियान का खास हिस्सा हैं…हमसे पहले से…और हम मानते हैं कि हमारा नेतृत्व भी आप ही कर रहे हैं.
#अंत_में
मैं इस बात को गहराई से महसूस करता हूँ कि #कमजोर होना सबसे बड़ा अभिशाप है और मैंने उत्तराखंड समाज को यह अभिशप्त जीवन जीते देखा है…अब यह मंजूर नहीं.
अब हम सशख़्त हो रहे हैं, तो #बेचैनी को राहत है.
शेष, यह सम्मान इस बात की तस्दीक करता है कि हमारा वर्तमान भविष्य की उस पीढ़ी की सशख़्त बुनियाद है, जिसके लिए हमारे लबों पर यह पंक्तियां हैं-
#कल_और_आएंगे_नग़मों_की
#खिलती_कलियाँ_चुननेवाले,
#मुझसे_बेहतर_कहनेवाले,
#तुमसे_बेहतर_सुननेवाले.
#पुनश्चः !
जीवन की इस राह पर #छोटा_बड़ा जो भी हासिल होगा, वह #हम_सब का होगा !
#सम्मान के बहाने अपनी बात कहने का मौका , यही #सम्मान की सार्थकता है