नई टिहरी. प्रदेश के वन एवं पर्यावरण, श्रम, सेवायोजन, कौशल विकास, आयुष एवं आयुष शिक्षा व जनपद के प्रभारी मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने अपने एक दिवसीय जनपद भ्रमण के दौरान जिला कार्यालय सभागार में जिला योजना की बैठक ली। प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन योजनाओं के लिए धनराशि अवमुक्त की जा चुकी है उन योजनाओं पर प्राथमिकता के आधार पर कार्य आरंभ करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्माण कार्यो से जुड़ी संस्थाओं लोक निर्माण विभाग, लघु सिंचाई विभाग, राजकीय सिंचाई व पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्माण कार्यो में समयसीमा व गुणवत्ता दो पहलुओं पर विशेष ध्यान रखा जाए।
धरातल पर उतारें स्वरोजगार से जुड़ी योजनाएं
स्वरोजगार से जुड़े विभागों कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य को 3 से 4 माह के भीतर कम से कम एक योजना को सफल सफलतापूर्वक धरातल पर उतारने के निर्देश दिए हैं जिसको राज्य व देश के सामने प्रस्तुत किया जा सके। प्रभारी मंत्री ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि कोरोना की तीसरी संभावित लहर के दृष्टिगत हर ब्लॉक में कम से कम 10 ऑक्सीजन युक्त बैड बच्चों के लिए आरक्षित अथवा तैयार रखे जाएं।
बैठक में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में 66 करोड़ 54 लाख के अनुमोदित परिवार के सापेक्ष 46 करोड ₹68 की धनराशि विभागों को अवमुक्त की जा चुकी है। जिसमें से अब तक 9 करोड 39 लाख रुपए का व्यय किया जा चुका है।
बैठक में प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, जिला पंचायत अध्यक्षा सोना सजवाण, जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव, अध्यक्ष गढ़वाल मंडल विकास निगम महावीर रांगड़, विधायक टिहरी धन सिंह नेगी, घनसाली शक्ति लाल शाह, देवप्रयाग विनोद कंडारी, प्रताप नगर विजय सिंह पंवार, मुख्य विकास अधिकारी नमामि बंसल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजय जैन, जिला अध्यक्ष बीजेपी विनोद रतूड़ी के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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खनन न्यास फाउंडेशन की भी ली बैठक
प्रभारी मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने अपने एक दिवसीय जनपद भ्रमण के दौरान जिला कार्यालय सभागार में खनन न्यास फाउंडेशन की बैठक ली। बैठक में प्रभारी मंत्री ने जिला अधिकारी को निर्देश दिए कि खनन न्यास मैं रॉयल्टी के तौर पर जमा धनराशि से केवल खनन प्रभावित क्षेत्रों के अति महत्वपूर्ण कार्यों से समबन्धित प्रस्तावों को ही शामिल किया जाए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी आग्रह करते हुए कहा कि खनन न्यास एक सीमित संसाधन है जिससे छोटे-मोटे आवश्यक कार्य करवाए जा सकते हैं। कहा जिन प्रस्तावों पर अधिक धनराशि व्यय होना प्रतीत होता है उन्हें किसी अन्य योजना से आच्छादित किया जाएगा। इस अवसर पर जिला अधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि पिछली बैठक में समिति द्वारा 4 करोड़ 76 लख के 33 प्रस्ताव प्रस्तुत किए जा चुके हैं।