नैनीताल. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित अनुसूचित जनजाति आदर्श विद्यालयों में अधीक्षक राजपत्रित के पदों में हुई पदोन्नति पर रोक लगाते हुए पदोन्नत हुए अभ्यर्थियों से जबाव मांगा है. मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी. मामले के अनुसार देहरादून निवासी प्रेमलता सहगल व प्रीति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि समाज कल्याण विभाग ने 25 मई को एल टी ग्रेड के कुछ शिक्षकों का प्रमोशन अनुसूचित जनजाति आदर्श विद्यालयों के अधीक्षक राजपत्रित पड़ पर की है. जो नियम विरुद्ध है.
याचिकाकर्ता के अनुसार 2005 में सी टी ग्रेड का एल टी ग्रेड में विलय हो गया था. वर्तमान में एल टी ग्रेड के शिक्षकों का ग्रेड पे 4600 है. जबकि आदर्श विद्यालय के अधीक्षक का ग्रेड पे 4200 है. इस प्रकार उच्च ग्रेड पे वाले अभ्यर्थी की पदोन्नति निम्न ग्रेड पे के पद पर नहीं हो सकती. याचिकाकर्ता के तर्कों से सहमति जताते हुए न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने आदर्श विद्यालयों के अधीक्षक राजपत्रित पदों पर हुई पर रोक लगाते हुए पदोन्नत अभ्यर्थियों से जबाव मांगा है.