टिहरी. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों में जोर शोर से जुटी कांग्रेस की तैयारियों के बीच, कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण ने अपनी ही पार्टी के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय द्वारा अपने लेखों और बयानों के जरिए अपने संदर्भ में कांग्रेस के पूर्व के निर्णयों पर पार्टी को बार बार घेरने को लेकर नसीहत दी है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा में दो बार (देवप्रयाग और टिहरी विधानसभा) और राज्य निर्माण के बाद 2002 से 2007 में ऋषिकेश से विधायक रहे मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण ने पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के नाम लिए बिना सोशल प्लेटफार्म पर कहा कि हार और जीत राजनीति के दो पहलू हैं. यह तो वह देश है जहां इंदिरा गांधी जी और अटलबिहारी वाजपेयी जी जैसे सूरमा भी चुनाव हारे हैं. मैं चाहे चुनाव हारा हूं या जीता हूं मैंने जनता का फैसला नतमस्तक होकर स्वीकार किया है, क्योंकि जनता का फैसला सर्वोपरी होता है. मैंने अपनी गलतियों से सीखा है, उनमें सुधार किया है और आज उसी का फल है की मैं जहां जाता हूं लोग मेरे कामों को याद करते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं.
पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण ने लिखा, मैं पार्टी के नेताओं से आग्रह करता हूं कि सार्वजनिक मंच पर कुछ भी कहने से पहले उस पर गहन विचार करें और अपनी हार का ठीकरा दूसरों पर थोपने से पहले यह समझ लें कि सच्चाई किसी से भी छुपी नहीं है. सजवाण ने लिखा, अपने खिलाफ “शाजिश” और “षड़यंत्र” जैसे शब्दों का प्रयोग करके आप अपनी राजनीति में कुछ भी हासिल नहीं करेंगे, यह सब कहकर आप अपने खुद के लिए निर्णयों की जिम्मेदारी और जवाबदेही से भाग रहे हैं.
कहा, बेतुके बयान देकर अध्यक्ष के पद की गरिमा ना गिराएं
सजवाण ने कहा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष को यह सब शोभा नहीं देता. प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को अपने लिए एक सुरक्षित सीट चुनने की आजादी होती हैं, कोई उसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता. एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते वे इस पद की गरिमा को समझें और सार्वजनिक मंच पर बेतुके बयान देकर अध्यक्ष के पद की गरिमा ना गिराएं. सजवाण ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को कांग्रेस परिवार की संस्कृति का पाठ पढ़ाते हुए नसीहत दी कि परिवार की संस्कृति के अनुरूप वरिष्ठता व श्रेष्ठता का ध्यान रखा जाना आवश्यक है.
अपना दर्द भी किया बयां, कहा 2002 में टिहरी से ऋषिकेश भेजा
पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण ने अपना दर्द की उगलते हुए कहा कि, यह तो सब जानते हैं कि षड्यंत्र तो मेरे साथ हुआ. मैं टिहरी का एक क्षत्र नेता था, 2002 में मेरी पूरी तैयारी टिहरी विधानसभा से थी कोई दूसरा टिकट मांगने वाला भी नहीं था. ऐन वक्त पर मुझे ऋषिकेश भेजा गया, मैंने वो जहर भी पिया और मजबूती से चुनाव लड़ा. सजवाण ने कहा, मुझे पता था कि ऋषिकेश आर.एस.एस. का गढ़ है, 1985 से यहां कांग्रेस का कोई भी प्रत्याशी नहीं जीता था और मेरे जीतने के बाद भी आजतक यहां कांग्रेस का कोई भी प्रत्याशी जीत दर्ज नहीं करा पाया है.
मैंने ऐसे मुश्किल परिस्थिति में भी लोगों का दिल जीता और आप सभी के आशीर्वाद से जीत प्राप्त की. अन्याय महसूस करने के बावजूद मैंने कभी भी पार्टी व पार्टी नेतृत्व के बारें में किसी भी सार्वजनिक मंच पर कोई भी टिप्पणी नहीं की, बल्कि जीतने के बाद पूरे प्रदेश व ख़ासकर ऋषिकेश के विकास में कोई कमी नहीं रहने दी. इसी का नतीजा है कि आज मैं ऋषिकेश क्षेत्र में अपने विकास कार्यों के नाम पर गर्व से कांग्रेस पार्टी के लिए वोट माँग रहा हूँ. बतादें कि 2002 में किशोर उपाध्याय टिहरी से विधायक बने और राज्यमंत्री के तौर पर सरकार में मंत्री बने.
मतभेद घर में सुलझाने की कही बात
शूरवीर सिंह सजवाण ने कहा कि घर के मतभेद घर में सुलझायें जाएं तो ही बेहतर है, अपने घर का झगड़ा पड़ोस में ले जाने पर अपनी ही बदनामी होती है. नेता अपने निर्णयों की जिम्मेदारी लें और हार का ठीकरा दूसरों पर थोपने से बेहतर है कि आगामी चुनावों में पार्टी की मजबूती पर ध्यान दें. यह वक़्त साथ मिलकर चलने का है.