देहरादून. लॉकडाउन की वजह से मरीज को अस्पताल पहुँचने या किसी की मौत होने पर शवयात्रा को परेशान करने की शिकायतों को डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने गंभीरता से लेते हुए सभी जनपदों के पुलिस अधिकारियों को पत्र भेजा है. डीजी ने कहा कि ऐसे मामलों की वजह से पुलिस की छवि धूमिल होगी और लोगों के बीच नकारात्मक संदेश जाएगा. लिहाजा, छूट खत्म होने के बाद भी अगर कोई बीमार अस्पताल को जा रहा है या फिर कोई अपने परिजन की बॉडी को पैतृक स्थान पर ले जाना चाहता है तो विनम्रता से पेश आकर उन्हें जाने दिया जाए.
कोई शव लेके गांव जा रहा है तो रोके नहीं
जनपद के पुलिस अधिकारियों और दोनों रेंज के डीआइजी को भेजे पत्र में डीजी अशोक कुमार ने कहा कि कई लोगों ने शिकायत की थी अस्पताल या घर से डेड बॉडी मूल निवास ले जाने पर पुलिस अनावश्यक रोक रही है. इसके अलावा कैंसर, ह्रदय रोग के अलावा अन्य गंभीर शारीरिक समस्याओं के जूझ रहे मरीज को अस्पताल या इंस्टीट्यूट ले जाने पर परिजनों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. एडीजी अशोक कुमार ने साफ कहा कि देरी की वजह से अगर किसी मरीज की रास्ते मे मौत हो गई तो अप्रत्यक्ष तौर पर पुलिस भी जिम्मेदार हो सकती है. लिहाजा सभी अफसर अपने जिलों में यह सुनिश्चित करवाये कि आवश्यक सेवाओं, आपातकालीन परिस्थितियों और अस्पताल जाने में लोगों को परेशान न होना पड़े.