देहरादून. देश में वैश्विक महामारी कोविड 19 के संक्रमण को रोकने किए गए लाकडाउन में जहां केद्र और राज्य सरकारें कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य सुविधाओं, जांच, सुरक्षा, दवा आदि के मोर्चे को संभालने दिन रात जुटी हैं, वहीं देश के विभिन्न भागों में वहां के समाजसेवक भी समाजसेवा के मोर्चे पर डटकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. हम बात करें अपने उत्तराखंड की तो देवभूमि के कई समाजसेवियों ने संकट की इस घड़ी में गरीबों की सेवा का जिम्मा उठाकर राज्य के सामाजिक पटल पर गहरी छाप छोड़ी है.
उत्तराखंड के जनपद टिहरी गढ़वाल, ग्राम-ढुंग बजियाल गाँव, पट्टी ग्यारह गांव हिंदाव के मूल निवासी श्री बच्चनसिंह रावत एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती दर्शनी रावत जी भी संकट की इस घड़ी में गरीबों की अनवरत सेवा कर कोरोना योद्धा बनकर समाजसेवा में डटे हुए हैं. प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी जी एवं मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत जी द्वारा कोरोना के संकट में गरीबों की मदद के आह्वान के बाद उत्तराखंड के किसी भी गांव में कोई गरीब भूखा न रहे, इस संकल्प के साथ समाजसेवी श्री बच्चनसिंह रावत पहले लाकडाउन से ही गरीबों को खाद्यान्न सामग्री पहुंचाने में जुटे हैं.
चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार में पहुंचाई मदद
लाकडाउन में राज्य के लगभग सभी जिलों चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, देहरादून, ऋषिकेश हरिद्वार जिलों में कई परिवारों को राशन वितरण कर चुके हैं. श्री बच्चनसिंह रावत जी ने गरीब परिवारों की मदद के साथ ही उत्तराखंड के दिव्यांग जनों की तकलीफें कम करने उन तक भी सामाजिक कार्यकर्ताओं, संस्थाओं को धनराशि देकर राशन आदि पहुंचाई है.
दिव्यांग जनों और संस्कृतिकमियों की भी ली सुध
उत्तराखंड में गरीबों, दिव्यांग जनों की मदद के अलावा उत्तराखंड की कला संस्कृति की सेवा में लगे कई कलाकारों को भी संकट की इस घड़ी में मदद पहुंचाकर श्री बचनसिंह रावत जी एक प्रमुख कोरोना योद्धा के रूप में लोगों की सहायता की है. समाजसेवी श्री बच्चनसिंह रावत जी के संज्ञान में जिस भी वर्ग की तकलीफ जिस भी समाजसेवी या व्यक्ति ने दिलाई उसे हर संभव सबसे पहले मदद पहुंची है और इसी कड़ी में जब हरिद्वार में कुष्ठ रोग से पीड़ित लगभग 100 परिवारों की व्यथा श्री रावत जी के संज्ञान में आई तो वहां के स्थानीय संगठन श्री गणेश उत्सव समिति भेल हरिद्वार व जय बजरंग बली संगठन को धनराशि भेजकर वहां सभी परिवारों को राशन देकर उन्हें राहत पहुंचाई. समाजसेवी श्री रावत जी ऋषिकेश में भी कुछ और ऐसे ही परिवारों को भी राशन का वितरण कर उनकी खानपान की समस्या में मददगार बने.
गंगी और पिनस्वाड़ के लोगों के चेहरों पर लौटाई मुस्कान
सुलभ क्षेत्रों में मदद पहुंचाना आसान होता है, किंतु सबसे ज्यादा दिक्कतें दुर्गम सीमांत क्षेत्रों की हैं. लाकडाउन के कारण बाजार के सीमित समय तक खुलने और बाजार पहुंचने के लिए यातायात के साधन सुलभ नहीं होने से पहाड़ के गंगी, पिनस्वाड़ जैसे क्षेत्रों की दिक्कतें महसूस की जा सकती हैं. घनसाली विधानसभा के अंतर्गत आने वाले गंगी, पिनस्वाड़ जैसे दुर्गम क्षेत्रों भी राशन के ट्रक पहुंचाकर श्री रावत जी ने समाजसेवा की अदभुत मिसाल पेश की है. यहां लोक कलाकार बीना बोरा और उनकी टीम ने श्री रावत जी के सौजन्य से राशन पहुंचाई. श्री बच्चन सिंह रावत जी की इस मदद से यहां के ग्रामीणों के चेहरों पर मुस्कान लौटी और उन्हाेंने श्री रावत जी का आभार भी जताया.
जिलाधिकारी के राहत कोष में भी दी बड़ी राशि
उल्लेखनीय है कि श्री बच्चनसिंह रावत जी इससे पहले टिहरी जिलाधिकारी के राहत कोष में 2 लाख 71 हजार की मदद राशि भेजकर गरीबों की मदद में जिला प्रशासन के साथ हाथ बंटा चुके हैं. समाजसेवी श्री बच्चनसिंह रावत जी महानगरों में फंसे उत्तराखंड के लोगों के लिए भी वहां के सामाजिक संगठनों के जरिए व व्यक्तिगत तौर पर भी आर्थिक मदद कर उन्हें राहत पहुंचा रहे हैं. मदद का यह अभियान उत्तराखंड में ही नहीं देश के विभिन्न भागों में फंसे उत्तराखंड के लोगों के लिए भी जारी है और कई महानगरों में फंसे युवाओं की मदद के लिए वहां की समाजिक संस्थाओं को धन देकर उनकी मुश्किल कम करने में लगातार प्रयत्नशील हैं. मदद की इस कड़ी में अब उत्तराखंड के वृध्द आश्रमों की भी मुश्किलें कम करने उन्हें भी मदद पहुंचाने की रूपरेखा तैयार की गई है. कोरोना की महामारी में लोगों को बचाने में लगे डाक्टर्स, नर्स, पुलिस कर्मियों के साथ ही समाज के गरीब तबके की मदद में जुटे श्री बच्चनसिंह रावत जी जैसे समाजसेवी सच्चे मायने में उत्तराखंड के कोरोना योद्धा हैं.