दिल्ली. देश में बढ़ते कोरोना के संकट पर देश के केद्रीय परिवार और स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय ने प्रेस कांफ्रेस की. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जिन राज्यों में मामले ज्यादा बढ़ रहे हैं उन राज्यों को अपने राज्यों को लाकडाउन पर निर्णय लेने के लिए कहा गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोरोना की चैन आफ ट्रांसमिशन को तोड़ना जरूरी है और इसके लिए लोगों को आवाजाही से बचना होगा.
इस कांफ्रेंस में आईसीएमआर के प्रमुख डा. बलराम भार्गव ने कहा कि विश्व में महामारी की घड़ी में हर भारतवासी अपने वतन लौटना चाहता है और यह कोई गलत नहीं है. डा. बलराम भार्गव ने कहा कि विदेश से आने वाले व्यक्ति को घर आना ही है, लेकिन विदेश से आए व्यक्ति को 15 दिन घर में अलग रखें. डा. भार्गव ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि जितना लोग विदेश से आ रहे हैं उनके कोरोना टेस्ट ही किए जाएं.
#WATCH Live: Union Health Ministry briefs the media on #CoronavirusPandemic, on 22nd March. https://t.co/lkPAudsFHi
— ANI (@ANI) March 22, 2020
डा. भार्गव ने कहा कि कोरोना में 80 प्रतिशत लोग मामूली रूप से घर पर ही ठीक हो जाते हैं और 10 प्रतिशत को दवाई की जरूरत पड़ती है. डा. भार्गव ने कहा कि 5 प्रतिशत लोगों को ही भर्ती होने की जरूरत पड़ती है और यहां उपलब्ध दवाई से उपचार की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि विश्व के विकसित देशों के पास भी सटीक दवाई नहीं है. इसलिए इस की सबसे बड़ी दवा आइसोलेट करना ही है. टेस्ट के बारे में विस्तार से डा. भार्गव ने कहा कि यदि व्यक्ति में कोई सिम्टम्स नहीं तो टेस्ट की भी जरूरत नहीं है. डा. भार्गव ने कहा कि देश में अब तक 16000 टेस्ट किए जा चुके हैं. डा. भार्गव ने कहा कि देशभर में 111 टेस्टिंग लैब और 60 प्राइवेट लैब तैयार की गई हैं.