घनसाली. उत्तराखंड के युवा लोक गायक एवं संगीत निर्देशक गुंजन डंगवाल (Gunjan Dangwal) के सड़क हादसे में निधन पर उत्तराखंड के कई महत्वपूर्ण लोगों ने शोक संवेदना व्यक्त की है. उत्तराखंड के युवा लोकगायक एवं संगीत निर्देशक गुंजन डंगवाल के सड़क हादसे में निधन पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शोक व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री श्री धामी ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है.
संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत
वहीं के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी प्रसिद्ध गायक व संगीतकार गुंजन डंगवाल के निधन पर गहरा दुख जताया है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने शोक संवेदना संदेश में कहा कि उत्तराखंड खासकर, गढ़वाली संगीत को एक नई पहचान दिलाने वाले कलाकार का यूं चले जाना संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. उन्होंने कहा, ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को श्रीचरणों में स्थान मिले व उनके परिजनों व प्रसंशकों को इस दुख से उभरने की शक्ति प्रदान करें.
विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती रितु खंडूड़ी ने व्यक्त की संवेदना
उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती रितु खंडूड़ी ने भी उत्तराखंड, टिहरी क्षेत्र के उभरते संगीतकार गुंजन डंगवाल के निधन के समाचार पर गहरी संवेदना व्यक्त की है. विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती रितु खंडूड़ी ने भगवान से पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने एवं परिवारजनों को इस असीम दुख की घड़ी में दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है.
गुंजन का यूं छोड़कर जाना दर्दनीय : विधायक शक्तिलाल शाह
घनसाली विधानसभा के विधायक शक्तिलाल शाह ने भी अपनी विधानसभा क्षेत्र, ग्राम सभा अखोड़ी ग्यारहगांव के निवासी प्रसिद्ध युवा संगीतकार गुंजन डंगवाल के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. विधायक शक्तिलाल शाह ने अपने शोक संदेश में कहा कि यह खबर सुनकर हृदय झकझोर हो गया है, निःशब्द हूँ. इतनी कम उम्र मे गुंजन का यूं छोड़कर जाना दर्दनीय है. भगवान गुंजन के माता पिता को यह असहनीय पल सहने की शक्ति प्रदान करे व पुण्य आत्मा को शांति प्रदान करें. भिलंगना ब्लाक की प्रमुख श्रीमती बसुमति घनाता ने भी युवा संगीतकार गुंजन डंगवाल के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है.
दिल दहला देने वाली घटना : धनीलाल
भिलंगना ब्लाक के पूर्व प्रमुख धनीलाल शाह ने भी उत्तराखंड के प्रसिद्ध गायक व संगीतकार गुंजन डंगवाल के असमय छोड़ कर चले जाने पर गहरा दुख व्यक्त किया है. पूर्व प्रमुख धनीलाल शाह ने अपने शोक संवेदना संदेश में कहा कि इस गुंजन डंगवाल एक अच्छे गायक और संगीतकार के साथ साथ एक होनहार युवा थे. गुंजन ने इस छोटी उम्र में बहुत कम समय में उत्तराखण्ड के हर आदमी के दिलों में अपने लिऐ जगह बना दी. धनीलाल शाह ने कहा, भाई कैलाश डंगवाल जी भी इन्हें तरासने में पूरी सिदत के साथ लगे थे, किन्तु प्रभु ने अचानक इस हीरे को हम सबसे अलग कर दिया, जिसकी भरपाई करना कदापि संभव नहीं है. धनीलाल शाह ने दुख व्यक्त करते हुए कहा, उत्तराखंड खासकर गढ़वाली गीत और संगीत को एक नई पहचान दिलाने वाले कलाकार का अचानक यूं चले जाना संगीत जगत के साथ साथ पूरे उत्तराखण्ड के लिए अपूरणीय क्षति है. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ की दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें व उनके परिजनों व प्रसंशकों को इस दुख से उभरने की शक्ति प्रदान करें.
लुप्त होती संस्कृति को आगे बढ़ा रहे थे गुंजन : पत्रकार शीशपाल गुसाईं
उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार श्री शीशपाल गुसाईं ने गुंजन डंगवाल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए अपनी फेसबुक वाल पर गुंजन डंगवाल के सांस्कृतिक योगदान को याद किया है. वरिष्ठ पत्रकार शीशपाल गुसाईं ने लिखा कि परंपरागत गढ़वाली गीतों के उभरते हुए संगीतकार गीतकार गुंजन डंगवाल जी (26) की अकस्मात हुई मृत्यु से मैं भी स्तब्ध हूं. मैं उनसे कभी नहीं मिल पाया. लेकिन मैंने किताब सिलसिले में उनके गीत लुप्त होती संस्कृति पर यूट्यूब पर देखें हैं, सुने हैं. हमें लगता था कोई न कोई लुप्त होती संस्कृति को आगे बढ़ा रहा है. लुप्त होती संस्कृति पर उन्होंने जबरदस्त काम किया. गुंजन पुरानी संस्कृति को संगीत और गीतों की धार देकर उन्हें जवान बना रहे थे. ऐसे होनहार युवक का जवानी में चला जाना सबको तकलीफ दे गया.
4 सितंबर 1996 को टिहरी गढ़वाल के अखोड़ी गांव में हुआ था जन्म
बता दें कि गुंजन डंगवाल का जन्म 4 सितंबर 1996 को टिहरी गढ़वाल के अखोड़ी गांव में श्री कैलाश डंगवाल के घर में हुआ, गुंजन के पिता कैलाश डंगवाल शिक्षक हैं और माता श्रीमती सुनीता डंगवाल भी शिक्षिका हैं, गुंजन का एक छोटा भाई है श्रीजन डंगवाल जो अभी निर्देशक के तौर पर अपना करियर बना रहे हैं. गुंजन की प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा नई टिहरी से ही हुई और हाईस्कूल की परीक्षा नई टिहरी के कान्वेंट स्कूल से पास की, इसके बाद इंटरमीडिएट की परीक्षा दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से पास की. पेशे से संगीतकार गुंजन डंगवाल ने गोविन्द बल्लभ पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी से इलेक्ट्रिकल से बीटेक भी किया है. साथ ही संगीत विषारद की डिग्री भी हासिल की है. आज इस दुनिया से सदा के लिए चले गए.