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देहरादून. उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद स्थित प्रसिद्ध गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट छह माह बंद रहने के बाद मंगलवार को अक्षय तृतीया के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए और इसी के साथ इस साल की उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू हो गई. गंगोत्री के कपाट पूर्वाह्न 11:15 और और यमुनोत्री धाम के कपाट 12:15 पर पूजा अर्चना के बाद खोल दिए गए. गंगोत्री मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे.
मंदिर खोले जाने के बाद पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गयी. मुख्यमंत्री ने मां गंगा को समर्पित गंगोत्री मंदिर में पूजा अर्चना के बाद चारधाम यात्रा के विधिवत रूप से शुरू होने पर सभी श्रद्धालुओं का देवभूमि उत्तराखंड आगमन पर स्वागत करते हुए कहा कि यह यात्रा ऐतिहासिक हो, सबकी यात्रा सरल और सुगम हो, सबके मंगल की कामना करता हूं. चारधाम यात्रा के अन्य दो तीर्थस्थल केदारनाथ और बदरीनाथ के कपाट क्रमश: छह मई और आठ मई को खुलेंगे.
पिछले दो साल से कोविड महामारी के कारण बाधित रही चारधाम यात्रा में रिकार्ड श्रद्धालुओं के आने की संभावना के मद्देनजर राज्य सरकार ने जहां प्रत्येक धाम में प्रतिदिन दर्शन करने के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या निर्धारित कर रखी है. प्रदेश के संस्कृति और धर्मस्व सचिव हरिचंद्र सेमवाल द्वारा इस संबंध में जारी एक आदेश के अनुसार, बदरीनाथ में प्रतिदिन अधिकतम 15000 श्रद्धालु, केदारनाथ में 12000, गंगोत्री में 7000 और यमुनोत्री में 4000 तीर्थयात्री दर्शन कर सकेंगे. फिलहाल यह व्यवस्था शुरुआती 45 दिनों के लिए बनाई गयी है.
हालांकि सरकार के यात्रियों की संख्या सीमित करने के निर्णय पर कुछ लोगों ने एतराज जताया है. यमुनोत्री के विधायक संजय डोभाल ने कहा है कि दो साल तक कोविड महामारी के कारण ठप रहा उत्तराखंड का तीर्थाटन पर्यटन उद्योग इस यात्रा सीजन को बड़ी उत्साह की नजर से देख रहा है, ऐसे में यात्रियों की संख्या को सीमित नहीं किया जाना चाहिए.