घनसाली. बालगंगा महाविद्यालय में प्रबंधन द्वारा कार्यकारिणी बैठक में छात्रहितों पर वार्ता करने के लिए छात्रसंघ अध्यक्ष एवं छात्र संघ के प्रतिनिधियों को निमंत्रण नहीं देने को लेकर छात्र-छात्राओं में आक्रोश है. बैठक में नहीं बुलाए जाने को लेकर कल महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने छात्रसंघ अध्यक्ष अंजली चौहान व अन्य छात्रसंघ पदाधिकारियों के नेतृत्व में प्रबंधन के विरोध में नारेबाजी व पुतला दहन कर आक्रोश व्यक्त किया.
छात्र नेताओं का कहना है कि प्रबंधन तंत्र अपनी किसी भी कार्यकारिणी बैठक में छात्रहितों के संबंध में वार्ता करने के लिए छात्रसंघ अध्यक्ष एवं छात्रसंघ के प्रतिनिधियों को निमंत्रण नहीं दे रहा है. छात्र नेताओं ने कहा कि हम प्रबंधन से छात्र हितों के लिए बातचीत करना चाहते हैं, ताकि प्राध्यापकों, कार्मिकों के मानदेय वेतन का भुगतान आदि के मुद्दों पर प्रबंधन निर्णय ले और हमारे पठन पाठन पर इसका असर नहीं पढ़े.
छात्र नेताओं ने बताया कि दिनांक 13 नवंबर 2019 को प्रबंधन समिति के अध्यक्ष द्वारा उप-जिलाअधिकारी की उपस्थिति में लिखित में आश्वासन दिया गया था कि छात्र हित के संबंध में छात्रसंघ अध्यक्ष के माध्यम से उचित वार्तालाप किया जाएगा. लेकिन रविवार दिनांक 23/02/2019 को प्रबंधन तंत्र ने औपचारिक रूप से कार्यकारिणी की बैठक का आहूत की, जिसमें छात्र संघ के किसी भी प्रतिनिधि को बैठक के बारे में सूचित नहीं किया गया.
गुस्साए छात्र छात्राओं ने प्रबंधन तंत्र की इस वादाखिलाफी के विरोध में प्रदर्शन कर अपना विरोध व्यक्त किया है. छात्र छात्राओं ने प्राचार्य के माध्यम से अवगत कराया कि अगर आगे की कार्यकारिणी बैठक में छात्र संघ को अनदेखा किया गया तो समस्त छात्र संघ को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा. प्रदर्शनकारियों में पूनम बिष्ट, सुभाष पैन्यूली, पूजा बिष्ट, सविता पवार, नरेंद्र सिंह रावत, कृष्ण मोहन रावत, सौरभ लेखवार, मोहित, गोरव बडोनी, मनोज भंडारी आदि शामिल थे.
इस घटनाक्रम पर पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष श्री अजय कंसवाल ने कहा कि प्रबंधन लगातार छात्रहितों को लेकर छात्रनेताओं की अनदेखी करता आ रहा है. श्री अजय कंसवाल ने कहा कि प्रबंधन और छात्र प्रतिनिधियों में संवादहीनता के कारण छात्रों से जुड़े मुद्दे सुलझ नहीं रहे हैं. कंसवाल ने कहा कि प्रबंधन से हमारी मांग है कि वह छात्र प्रतिनिधियों को अपनी बैठक में शामिल करे और प्रलंबित समस्याओं का जल्द निराकरण करे.