बद्रीनाथ. रविवार दिनाँक 19.11.2022 को शुभ मुहूर्त में शाम 3.35 बजे भू-बैकुंठ श्री बद्रीनाथ धाम (Shri Badrinath Dham) के कपाट पूर्ण विधि विधान, वैदिक परम्परा एवं मंत्रोचारण के साथ शीतकाल के लिए बन्द कर दिए गए।
पंच पूजाओं के साथ शुरू हुई कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतिम दिन भगवान नारायण की विशेष पूजा अर्चना की गई। मुख्य पुजारी रावल जी, मंदिर समिति के सदस्यों एवं सहस्त्रों श्रद्वालुओं की मौजूदगी में भगवान श्री बद्री विशाल जी के कपाट इस वर्ष शीतकाल के लिए बंद किए गए। कपाट बंद होते समय आर्मी के मधुर बैंड ध्वनि ने सबको भावुक कर दिया। कपाट बंद होने से पूर्व भगवान को घृत कम्बल पहनाया गया। इस अवसर पर हजारों श्रद्वालु श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने की अलौकिक बेला के साक्षी बने। मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी नम्बूदरी ने इस वर्ष की अंतिम पूजा की।
कपाट बंद होने का माहौल अत्यंत धार्मिक मान्यताओं, परम्पराओं के साथ हुआ। कपाट बंद होने के अवसर पर बडी संख्या में श्रद्वालुओ ने पूरे भाव भक्ति से भगवान बद्री विशाल के दर्शन किए।
आंकडों के अनुसार इस वर्ष 17,59,121 श्रद्वालु भगवान बद्रीविशाल के दर्शनों के लिए बद्रीनाथ पहुँचे, जिनको पुलिस एवं एसडीआरएफ द्वारा सकुशल दर्शन कराकर अपने गन्तव्य तक पहुँचाया गया। श्री बद्रीनाथ धाम पहुँचे सभी श्रद्धालुओं द्वारा जनपद पुलिस का आभार प्रकट करते हुए मुक्त कण्ठ से प्रसंशा की गई।
5 हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज सायं 3:35 पर विधि-विधान पूर्वक शीतकाल हेतु बंद कर दिए गए हैं। इस अवसर पर मंदिर को भव्य रूप से फूलों से सजाया गया एवं कई स्थानों पर तीर्थयात्रियों हेतु भंडारे आयोजित किये गये।
इस दौरान लगभग 5 हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस बार चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड 46 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे है।
इस अवसर पर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, जयंती प्रसाद कुर्मांचली, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज,सदस्य श्रीनिवास पोस्ती,पुष्कर जोशी,भास्कर डिमरी, आशुतोष डिमरी सहित अन्य सम्मानित जन उपस्थित रहे।