वरिष्ठ पत्रकार श्री शीशपाल गुसाईं जी की वाल से
उत्तरकाशी। सीमांत जनपद उत्तरकाशी के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवान्वित करने वाला क्षण आया है। पीएमश्री राजकीय आदर्श कीर्ति इंटर कॉलेज उत्तरकाशी के इंटरमीडिएट कक्षा के 16 वर्षीय छात्र और एनसीसी कैडेट सचिन कुमार ने विश्व की सर्वोच्च चोटी माउंट एवरेस्ट (8,848 मीटर) पर सफलतापूर्वक आरोहण कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। सचिन ने 18 मई 2025 को प्रातः 4 बजकर 6 मिनट पर इस दुर्गम शिखर को फतह कर तिरंगे को लहराया और उत्तरकाशी सहित पूरे देश का नाम रोशन किया।
सचिन कुमार, जो ग्राम दडमाली, पट्टी धनारी तहसील डुंडा, जनपद उत्तरकाशी के निवासी हैं, के पिता श्री कुंवर पाल और माता श्रीमती अनीता का यह होनहार बेटा एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखता है। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार, बल्कि विद्यालय, शिक्षा विभाग, एनसीसी विभाग और पूरे उत्तरकाशी जिले में खुशी की लहर दौड़ा दी है। विद्यालय के प्रधानाचार्य और एनसीसी अधिकारी कैप्टन लोकेन्द्र सिंह परमार ने बताया कि सचिन ने माउंट एवरेस्ट फतह करने के बाद एवरेस्ट बेस कैंप पहुंचकर दूरभाष के माध्यम से उन्हें इस गौरवमयी उपलब्धि की जानकारी दी। प्रधानाचार्य ने इस उपलब्धि को विद्यालय और जनपद के लिए ऐतिहासिक बताते हुए सचिन की मेहनत, लगन और साहस की प्रशंसा की।
पर्वतारोहण का प्रशिक्षण और पूर्व उपलब्धियां
सचिन ने अपनी इस यात्रा की शुरुआत उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) से प्रशिक्षण प्राप्त करके की। गत वर्ष अगस्त माह में उन्होंने गढ़वाल हिमालय की माउंट अभिगामिन चोटी (7,355 मीटर) पर सफलतापूर्वक आरोहण किया। इसके बाद दिसंबर-जनवरी में उन्होंने विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर पर प्रशिक्षण प्राप्त किया और वहां भी अपनी क्षमता का लोहा मनवाया। इन उपलब्धियों ने सचिन को माउंट एवरेस्ट जैसे कठिन लक्ष्य के लिए तैयार किया। मात्र 16 वर्ष की आयु में माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले सचिन कुमार की यह उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि वे एक साधारण परिवार से आते हैं। उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत के बल पर कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। सचिन की इस उपलब्धि ने न केवल युवाओं के लिए प्रेरणा का काम किया है, बल्कि उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों के बच्चों को भी बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने का हौसला दिया है। सचिन की इस उपलब्धि पर विद्यालय परिवार, शिक्षा विभाग और एनसीसी विभाग में उत्साह का माहौल है। विद्यालय के शिक्षकों और सहपाठियों ने इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताते हुए सचिन को बधाई दी है। स्थानीय समुदाय में भी इस युवा पर्वतारोही के साहस और समर्पण की चर्चा जोरों पर है। उत्तरकाशी जिला, जो पहले भी कई पर्वतारोहियों को जन्म दे चुका है, अब सचिन के नाम से और गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
सचिन ने अपनी इस उपलब्धि के बाद कहा, “मैं अपने माता-पिता, गुरुजनों, एनसीसी और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान का आभारी हूं, जिनके मार्गदर्शन और समर्थन ने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया। मेरा सपना था कि मैं अपने देश और जिले का नाम विश्व के सबसे ऊंचे शिखर पर ले जाऊं, और आज वह सपना पूरा हुआ।” उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे अपने लक्ष्यों के प्रति मेहनत और लगन से काम करें, क्योंकि कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है ।सचिन की इस उपलब्धि ने उन्हें भविष्य के लिए और बड़े लक्ष्यों की ओर प्रेरित किया है। उनके प्रशिक्षकों और प्रधानाचार्य का मानना है कि यह युवा पर्वतारोही आने वाले समय में और भी बड़े कीर्तिमान स्थापित करेगा। उत्तरकाशी जिला प्रशासन और स्थानीय लोग भी सचिन के इस साहसिक कार्य की सराहना कर रहे हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना कर रहे हैं।
सचिन कुमार की यह उपलब्धि न केवल उत्तरकाशी, बल्कि पूरे उत्तराखंड और भारत के लिए गर्व का विषय है। उनकी कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करने की हिम्मत रखता है।