टिहरी. लाक डाउन के कारण अब कुछ दर्दनाक घटनाएं भी सामने आने लगी हैं, दिल्ली में एक हिंदाव दुबड़ी के युवा की मनस्थिति बिगड़ने का समाचार कल एक साथ दे रहे थे तो हरियाणा, कर्नाटक, आंध्र, मुंबई में कई उत्तराखंडी युवा भी लाकडाउन के चलते परेशान हैं और लाकडाउन खुलने के इंजतार में पल पल गिन रहे हैं.
इस बीच आज एक खबर प्रतापनगर के भेलुंता गांव निवासी की आई, जिन्होंने लाकडाउन के कारण अपनी पत्नी को खो दिया है. बताते चलें कि भेलुन्ता निवासी भगत हरियाणा के एक होटल में काम करते थे. उनकी पत्नी और एक चार साल का बच्चा भी साथ रहता था. भगत की पत्नी की तबीयत लगभग एक सप्ताह से खराब थी. पत्नी का इलाज लॉकडाउन के चलते नहीं कर पाए. इस बीच होटल मालिक ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया और उसके बाद मकान मालिक ने भी उन्हें मकान से निकाल दिया.
लाक डाउन में नौकरी और रहने की छत छिन जाने से परेशान भगत ने दूसरा कमरा लिया. लाकडाउन में फंसी जिंदगी के बीच वे पत्नी का इलाज भी नहीं करा पाए. पत्नी की तबीयत ज्यादा बिगड़ी, पीजीआई लेकर गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. सरकारी एंबुलेंस की व्यवस्था न होने पर भगत ने अपने कुछ साथियों की मदद से किसी तरह से रुपये जुटाकर प्राइवेट एंबुलेंस से पत्नी की डेड बॉडी लेकर अपने गांव पहुंचे. भगत ने आरोप लगाया कि कहीं की भी सरकारें हो चाहे वो हरियाणा की हो या उत्तराखंड की, किसी भी सरकार ने उसकी मदद नहीं की और इस लॉकडाउन के चलते उनकी पत्नी को अपनी जान गंवानी पड़ी.

 
	    	 
		    










