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चमोली। उत्तराखंड में बारिश का कहर जारी है। कल सहस्रधारा देहरादून के बाद आज चमोली जिले में आसमानी आफत का कहर टूटा है। इसमें चमोली जिले के नगर पंचायत नंदानगर के वार्ड कुन्तरि लगाफाली में भारी वर्षा के कारण मलबा आने से 06 भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं। नंदानगर तहसील के धुर्मा गांव में भी भारी वर्षा के कारण कुछ भवनों को क्षति पहुंची है। मोक्ष नदी का जलस्तर बढ़ा है।
चमोली के जिलाधिकारी श्री संदीप तिवारी ने बताया कि नंदानगर आपदा प्रभावित क्षेत्र में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। प्रशासन और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई है। एसडीआरएफ टीम नंदप्रयाग पंहुच गई है, एनडीआरएफ भी नंदप्रयाग के लिए गौचर से रवाना हो गई है। सीएमओ द्वारा जानकारी दी गयी कि मेडिकल टीम, 108 सेवा की तीन एम्बुलेंस घटनास्थल के लिए रवाना कर दी गयी हैं।
तहसील घाट नंदानगर में अतिवृष्टि से कुल 10 लोगों के लापता की सूचना है। जिनमें कुंतरी लगा फाली में 8 और धुरमा में 2 लोगों के लापता होने की सूचना है।

ये लोग लापता
ग्राम कुंतरी लगा फाली में लापता लोगों में कुंवर सिंह s/बलवंत सिंह (उम्र लगभग 42), कांता देवी पत्नी कुंवर सिंह (38), विकास और विशाल पुत्र कुंवर सिंह (उम्र दोनों की 10 वर्ष), नरेन्द्र सिंह s/o कुताल सिँह (40), जगदम्बा प्रसाद पुत्र ख्याली राम(70), भागा देवी पत्नी जगदम्बा प्रसाद (65), देवेश्वरी देवी पत्नी दिलबर सिंह (65) हैं। वहीं तहसील घाट नंदानगर के गाँव धुरमा में 2 लोगों के लापता होने की सूचना है। जिनमें गुमान सिंह पुत्र चन्द्र सिंह (उम्र 75) और ममता देवी पत्नी विक्रम सिंह (उम्र 38) हैं।
मुख्यमंत्री इस संबंध में निरंतर प्रशासन से संपर्क में
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद चमोली के नंदानगर घाट क्षेत्र में हुई अतिवृष्टि से आसपास के घरों को क्षति पहुंचने की घटना पर दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय प्रशासन, उत्तराखण्ड एसडीआरएफ व पुलिस की टीमें तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। मुख्यमंत्री इस संबंध में निरंतर प्रशासन से संपर्क में हैं और स्वयं स्थिति की गहन निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना की है।
राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए
शासकीय आवास पर प्रातःकालीन बैठक के दौरान चमोली जनपद के नंदानगर घाट क्षेत्र में अतिवृष्टि से हुए नुकसान और आपदा राहत कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों एवं जिलाधिकारी से दूरभाष पर बात कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
अधिकारियों को प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने, आपदा राहत कार्यों में तेजी लाने, घायलों को समुचित उपचार उपलब्ध कराने तथा प्रभावितों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। आपदा प्रबंधन विभाग को अतिशीघ्र प्रभावित क्षेत्र के स्थलीय निरीक्षण के निर्देश दिए हैं।