देहरादून। घनसाली विधानसभा क्षेत्र में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के खिलाफ पिलखी अस्पताल में 25 अक्टूबर 2025 से चल रहे घनसाली स्वास्थ्य जन संघर्ष मोर्चा के अनिश्चितकालीन धरना-आंदोलन का सकारात्मक परिणाम दिखने लगा है। जिस अस्पताल के उच्चीकरण को लेकर राज्य निर्माण के बाद पिछले 25 साल में उत्तराखंड की सरकार सुध नहीं ले रही थी। अब युवाओं के सतत आंदोलन के 13वें दिन मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, पिलखी, टिहरी को 30 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में उच्चीकृत करते हुए ₹14 करोड़ 83 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत कर दी है।
उत्तराखंड सूचना विभाग के मुताबिक, पिलखी के अलावा जनपद नैनीताल के विकासखण्ड भीमताल में ग्रामीण निर्माण विभाग, प्रखण्ड नैनीताल के अनावासीय कार्यालय भवन के निर्माण के लिये भी ₹2.12 करोड़ की धनराशि स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया है।
अखोड़ी के मशाल जुलूस से जागी सरकार
पिलखी में पिछले 14 दिन से चल रहे अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन के साथ-साथ स्वास्थ्य जन संघर्ष मोर्चा अब न्याय पंचायत स्तर पर मशाल जुलूस भी निकाल रहा है। पहले नैलचामी पट्टी के चक्रेडा में और फिर बुधवार 5 अक्टूबर को उत्तराखंड के गांधी स्व. इंद्रमणि बडोनी जी की जन्मस्थली अखोड़ी गोदाधार में स्थानीय व्यापार मंडल के सहयोग व जिला पंचायत सदस्य विक्रम घनाता, स्वास्थ्य जन संघर्ष मोर्चा के संयोजक अजय कंसवाल और स्वास्थ्य जन संघर्ष मोर्चा के अन्य पदाधिकारियों की मौजूदगी में विशाल मशाल जुलूस निकाला गया है।
इस जुलूस में उक्रांद के केंद्रीय नेता शान्ति प्रसाद भट्ट, स्व. इंद्रमणि बडोनी जी के सांस्कृतिक दल के प्रमुख रहे शिवजनी जी, लेखक विशाल मणी नैथानी, वरिष्ठ पत्रकार पवन नैथानी, वरिष्ठ पत्रकार हर्षमणि उनियाल आदि मौजूद रहे। इस जुलूस के वीडियो उत्तराखंड के शोसल मीडिया पर वायरल हैं। सूत्रों के मुताबिक, कल की घटना से उत्तराखंड सरकार अब घनसाली में युवाओं की मांगों पर तेजी से कार्रवाई कर रही है। इसी के चलते आज करीब 14 करोड़ की राशि पिलखी अस्पताल के उच्चीकरण के लिए अनुमोदित की गई है।
13वें दिन भी जारी रहा अनशन, बूढ़ाकेदार में जली मशाल
पिलखी व बेलेश्वर अस्पताल में से किसी एक को उपजिला अस्पताल बनाने की मांग को लेकर पिछले 13 दिन से जारी जन संघर्ष मोर्चा के आंदोलन की मशाल गुरुवार 6 अक्टूबर को बूढाकेदार में उदीप्त हुई। यहां बड़ी संख्या में जन संघर्ष मोर्चा की टीम के साथ स्थानीय लोगों ने उप जिला अस्पताल बनाने का शासनादेश जारी होने तक पिलखी में अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया। शुक्रवार को जगदीगाड हिंदाव में भव्य मशाल जूलूस निकाला जाएगा।
इन युवाओं के नेतृत्व में चल रहा आंदोलन
पिलखी व बेलेश्वर अस्पताल में से किसी एक को उपजिला अस्पताल बनाने, अनीशा रावत, रवीना कठैत और पूरबसिंह के परिजनों को को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर युवा नेता व घनसाली स्वास्थ्य जन संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष संदीप आर्य, जिला पंचायत सदस्य अनुज शाह, जिला पंचायत सदस्य विक्रम घनाता, समाजसेवी विनोदलाल शाह, लोक गायक शांति श्रीवाण, उक्रांद नेत्री सुनीता रावत, पंगरियाणा के क्षेत्र पंचायत सदस्य पुरुषोत्तम, संजय शाह आदि कई युवाओं के नेतृत्व में पिलखी अस्पताल में अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन जारी है। घनसाली स्वास्थ्य जन संघर्ष मोर्चा के संयोजक अजय कंसवाल हैं, जो इस मुहिम को सार्थक परिणाम तक पहुंचाने सक्रिय है। घनसाली स्वास्थ्य जन संघर्ष मोर्चा को वरिष्ठ नागरिक संघ चमियाला, व्यापार मंडल” सेवानिवृत शिक्षक संघ आदि का सहयोग मिल रहा है।
आरटीआई में सामने आया चौंकाने वाला आंकड़ा
सूचना अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिलखी में 1 जनवरी 2021 से 28 फरवरी 2025 तक इलाज के अभाव या रेफर होने के कारण 36 लोग जान गंवा चुके हैं। हाल ही में एक से डेढ़ माह के बीच 2 गर्भवती महिला अनीशा रावत व रवीना कठैत की भी रेफर करने के कारण मृत्यु भी हो गई थी। उत्तराखण्ड स्वाभिमान मोर्चा ने इन मौतों के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय करने की बात कही है।
अनिश्चितकालीन धरना से हुआ इन समस्याओं का समाधान, कुछ अभी बाकी
- पिलखी अस्पताल में 25 अक्टूबर 2025 से चल रहे घनसाली स्वास्थ्य जन संघर्ष मोर्चा के अनिश्चितकालीन धरना-आंदोलन में युवाओं की मांग थी कि रवीना कठैत की डिलीवरी के दिन डयूडी पर तैनात डाक्टर को तत्काल पिलखी से हटाया जाए यह मांग धरने के दूसरे दिन ही डाक्टर अशोक कुमार को हटा दिया गया था।
- उनकी जगह डाक्टर ऊषा भट्ट पिलखी अस्पताल में आ चुकी हैं। तब से रेफर का सिलसिला कम हो गया है।
- इस गुरुवार को बेलेश्वर में अस्थाई व्यवस्था पर रेडियोलॉजिस्ट ने जरूरतमंदों का परीक्षण किया।
- वेलेश्वर अस्पताल में डाक्टर भट्ट की ज्वाइनिंग।
इसके अलावा दोनों अस्पतालों में से किसी एक को उपजिला अस्पताल का शासनादेश जारी करने व अनीशा रावत, रवीना कठैत और पूरब सिंह के परिवार को आर्थिक मुआवजा देने की मांग पर अडे़ हुए हैं।













