मुंबई। महानगर में उत्तराखंड के व्यंजनों का स्वाद परोसने वाले मशहूर कैटरर्स हरीश (Harish Caterers) दसौनी जी का आज हल्द्वानी में ह्रदय गति थम जाने से निधन हो गया। मुंबई में करीब 5 दशक से भी ज्यादा से उत्तराखंड के खानपान को परोसने वाले हरीश दसौनी मूल रूप से हल्द्वानी जिले के रहने वाले थे। हल्द्वानी में ही उन्होंने आज अंतिम सांस ली।
हरीश दसौनी के निधन के समाचार से मुंबई के प्रवासी उत्तराखंडी शोक में डूब गए हैं। हरीश दसौनी जी मुंबई में शादी विवाह और अन्य पारिवारिक सामाजिक आयोजनों में उत्तराखंड के पकवान परोसने के साथ साथ सामाजिक पटल पर भी निरन्तर सक्रिय थे। मुंबई का ऐसा कोई प्रवासी नहीं होगा, जिसने हरीश दा के हाथों बना भोजन न चखा होगा। आज हरीश दसौनी जी के असमय निधन से लाखों उत्तराखंड के प्रवासी स्तब्ध हैं।
हरीश दसौनी मुंबई में उत्तराखंड के सभी व्यंजन उत्तराखंड की माटी में उपजे अन्न से बनाते थे। उत्तराखंड से बड़े पैमाने पर स्थानीय अन्न मुंबई मंगाकर पहाड़ के स्वाद को उपलब्ध कराते थे। इससे जहां मुंबई के प्रवासियों को पहाड़ के पकवान मुंबई में आयोजित होने वाले आयोजनों में मिलते थे, वही पहाड़ के किसानों को भी सीधा लाभ मिलता था।
हरीश दसौनी जी का कैटरिंग व्यवसाय सिर्फ पैसे कमाने का जरिया नहीं था दा, बल्कि लोगों की भूख मिटाने का मिशन भी था। उनका यह जज्बा लोगों ने कोविड काल के दौरान देखा था, जब वे मुंबई से गांव जाकर हल्द्वानी बस डिपो पर जरूरतमदों को मुफ्त भोजन देने अपनी जान की परवाह किये जुट गए थे। इस दौरान उन्होंने हजारों जरूरत मन्दो को भोजन के पैकेट वितरित कर अपने अन्नपूर्णा के धर्म को निभाया था।
संवेदना के उमड़े स्वर: हेमंत पांडे
हरीश कैटरर्स के निधन पर प्रसिद्ध अभिनेता हेमंत पांडे ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा अत्यंत दुखद खबर है हरीश भाई हरीश कैटरलर्स मुंबई कौथीग के अभिन्न अंग का निधन! इस धरती पर अपनी यादें लोगों की जुबान पर स्वाद के रूप में छोड़ गया है ! हरीश के भीतर एक सच्चा उत्तराखंड ही जिंदा था जो हर वक्त उसके चेहरे पर मुस्कान लाकर पूरे समाज में अपनी सेवा देता था, दाज्यु एक रोटो आजि खा.. भाया तेरा ये कहना जिंदगी भर नहीं भूल पाऊंगा।
अभिनेता ज्योति राठौर ने व्यक्त किया शोक
उत्तराखंडी अभिनेता ज्योति राठौर जी ने दुख जताते हुए कहा कि हरीश भाई के निधन की खबर से गहरा आघात लगा है। हरीश कैटरर्स मुंबई के आयोजनो में पहाड़ के व्यंजनों की खुशबू से चार चांद लगा देते थे। मैं उनके असमय चले जाने से स्तब्ध हूँ। भगवान दिवंगत आत्मा को शांति दें।
उत्तराखंड समाज के लिए बड़ी क्षति : मनोज भट्ट
मुंबई कौथिग के संयोजक और देवभूमि फाउंडेशन के सचिव समाजसेवी मनोज भट्ट जी ने हरीश दसौनी के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने लिखा- बहुत हृदय विदारक खबर है। हरीश दा के निधन पर कुछ भी लिखने के लिये मेरे हाथ काँप रहे हैं। हमारे समाज के अन्नपूर्णा के नाम से प्रसिद्ध हरीश दसौनी (हरीश कैटरर्स) का असमय चले जाना अत्यंत दुःखद है। हरीश दा का हम सबको छोड़कर चले जाना हमारे समाज के लिये और पर्सनली मेरे लिये बहुत बड़ी क्षति है। भगवान हरीश दा को अपने चरणों मैं स्थान दे और परिवार को दुख सहने की शक्ति दे।
उत्तराखंड के लोगों के पहाड़ के स्वाद से जोड़कर रखा: सुशील कुमार जोशी
कौथिग फाउंडेशन मुंबई के कार्यकारी अध्यक्ष श्री सुशील कुमार जोशी ने हरीश कैटरर्स के निधन पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा, हरीश के असमय चले जाने की खबर से विश्वास नहीं हो रहा है। हरीश उत्तराखंड के व्यंजनों के ब्रांड एम्बेसडर थे मुंबई में। हरीश ने अपने व्यक्तिगत प्रयास से पहाड़ से दूर होने के बाद भी उत्तराखंड के प्रवासियों को पहाड़ के अन्न के स्वाद से जोड़कर रखा।
उत्तरांचल मित्र मंडल वसई ने जताया शोक
आज उत्तरांचल मित्र मंडल वसई के एक अत्यंत प्रिय, समर्पित और स्नेही सदस्य श्री हरीश दसोनी जी के दुखद निधन का समाचार प्राप्त हुआ। यह समाचार हमारे मन को झकझोर गया है। बद्रीनाथ मंदिर वसई के प्रत्येक आयोजन में उनका निःस्वार्थ सहयोग, विशेषकर भोजन व्यवस्था (catering) की जिम्मेदारी, वे सदैव श्रद्धा और सेवा-भाव से निभाते रहे। उनका यह योगदान शब्दों से परे है। वे न केवल हमारे मंडल के सहयोगी थे, बल्कि एक ऐसे आत्मीय व्यक्तित्व थे जिनकी मुस्कान, सरलता और सेवा भावना सदैव प्रेरणा देती रहेगी। आज उनका न होना हमारे लिए एक ऐसी अपूरणीय क्षति है जिसे शब्दों में व्यक्त करना कठिन है। उनका जाना एक युग का अवसान है। ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा श्री हरीश दसोनी जी को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।
–महेश चंद्र नैलवाल,
उत्तरांचल मित्र मंडल वसई की पूरी टीम